30 सितंबर–6 अक्टूबर
भजन 90-91
गीत 140 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)
1. लंबी उम्र सिर्फ यहोवा दे सकता है
(10 मि.)
चाहे हम कितनी भी कोशिश कर लें, इंसान जितने साल जीता है उससे ज़्यादा हम नहीं जी सकते (भज 90:10; जन19 अंक3 पेज 5 पै 3-5)
यहोवा ‘हमेशा से रहा है और हमेशा रहेगा’ (भज 90:2; जन19 अंक1 पेज 5, बक्स)
यहोवा उन लोगों को हमेशा की ज़िंदगी दे सकता है और देगा भी, जो उस पर भरोसा करते हैं (भज 21:4; 91:16)
यहोवा के स्तरों के खिलाफ जाकर कभी कोई ऐसा इलाज मत चुनिए, जिससे उसके साथ आपका रिश्ता टूट जाए।—प्र22.06 पेज 18 पै 16-17.
2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न
(10 मि.)
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भज 91:11—स्वर्गदूत हमारी मदद करते हैं, इस बारे में हमें कैसा नज़रिया रखना चाहिए? (जन17 अंक5 पेज 5)
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इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय हैं, उनमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?
3. पढ़ने के लिए आयतें
(4 मि.) भज 91:1-16 (जी-जान गुण 10)
4. बातचीत शुरू करना
(3 मि.) मौका ढूँढ़कर गवाही देना। बाइबल पर चर्चा किए बिना ही जानने की कोशिश कीजिए कि सामनेवाला को किस विषय में दिलचस्पी है या उसे क्या चिंता है। तब आप जान पाएँगे कि बाइबल की मदद से कैसे उसकी ज़िंदगी बेहतर हो सकती है। (प्यार पाठ 1 मुद्दा 3)
5. बातचीत शुरू करना
(4 मि.) मौका ढूँढ़कर गवाही देना। (प्यार पाठ 1 मुद्दा 4)
6. भाषण
(5 मि.) प्यार कुछ और सुझाव—क मुद्दा 5—आप धरती पर हमेशा-हमेशा के लिए जी सकते हैं। (जी-जान गुण 14)
गीत 158
7. परमेश्वर के महान सब्र को अनमोल समझिए—समय के बारे में यहोवा जैसा नज़रिया रखिए
(5 मि.) चर्चा।
वीडियो दिखाइए। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए:
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अगर हम समय के बारे में यहोवा का नज़रिया रखें, तो हम कैसे सब्र से उस वक्त का इंतज़ार कर पाएँगे जब उसके वादे पूरे होंगे?
8. संगठन को मिली कामयाबी
(10 मि.) सितंबर का वीडियो दिखाइए।
9. मंडली का बाइबल अध्ययन
(30 मि.) गवाही दो अध्या. 16 पै 1-5, पेज 128 पर बक्स