7-13 अक्टूबर
भजन 92-95
गीत 84 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)
1. यहोवा की सेवा करना, जीने का सबसे बढ़िया तरीका है!
(10 मि.)
यहोवा हमारी उपासना का हकदार है (भज 92:1, 4; प्र18.04 पेज 26 पै 5)
यहोवा अपने लोगों की मदद करता है कि वे सही फैसले करें और खुश रहें (भज 92:5; प्र18.11 पेज 20 पै 8)
यहोवा अपने सेवकों की हमेशा कदर करता है, तब भी जब उनकी उम्र ढल जाती है (भज 92:12-15; प्र20.01 पेज 19 पै 18)
खुद से पूछिए: ‘यहोवा को अपना जीवन समर्पित करने और बपतिस्मा लेने से क्या बात मुझे रोक रही है?’
2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न
(10 मि.)
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भज 92:5—इस आयत में यहोवा की बुद्धि के बारे में जिस तरह बताया गया है, वह क्यों सही है? (यहोवा के करीब पेज 176 पै 18)
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इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय हैं, उनमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?
3. पढ़ने के लिए आयतें
(4 मि.) भज 94:1-23 (जी-जान गुण 5)
4. बातचीत शुरू करना
(4 मि.) मौका ढूँढ़कर गवाही देना। बातों-बातों में यह बताने की कोशिश कीजिए कि आप किस तरह लोगों को बाइबल से अच्छी बातें बताते हैं। (प्यार पाठ 5 मुद्दा 3)
5. वापसी भेंट करना
(3 मि.) मौका ढूँढ़कर गवाही देना। दिलचस्पी रखनेवाले एक व्यक्ति ने बीते कल में बाइबल अध्ययन करने से मना कर दिया था। उससे पूछिए कि क्या अब वह बाइबल अध्ययन करना चाहता है। (प्यार पाठ 8 मुद्दा 4)
6. बाइबल अध्ययन चलाना
(5 मि.) एक ऐसे बाइबल विद्यार्थी के साथ चर्चा, जो आगे नहीं बढ़ रहा है। (प्यार पाठ 12 मुद्दा 5)
गीत 5
7. जब नौजवानों पर डर और चिंताएँ हावी हो जाएँ
(15 मि.) चर्चा।
यहोवा के सेवकों को भी चिंताएँ (एंज़ाइटी) होती हैं। जैसे, दाविद अपनी ज़िंदगी में कई बार चिंताओं से घिरा रहा। (भज 13:2; 139:23) आज भी हमारे कई भाई-बहनों को डर और चिंताएँ सताती हैं। हमारे नौजवान भी इससे नहीं बच पाए हैं। कई बार हद-से-ज़्यादा चिंता करने की वजह से रोज़मर्रा के काम करना उनके लिए मुश्किल हो जाता है, जैसे स्कूल या सभाओं में जाना। इससे उन्हें पैनिक अटैक (बहुत ही ज़्यादा घबराहट) हो सकते हैं या वे खुद की जान लेने की भी सोच सकते हैं।
नौजवानो, अगर आपको हद-से-ज़्यादा चिंता होने लगे तो अपने मम्मी, पापा या मंडली के किसी समझदार भाई या बहन से बात कीजिए। यहोवा से भी प्रार्थना करना मत भूलिए। (फिल 4:6) वह आपकी ज़रूर मदद करेगा। (भज 94:17-19; यश 41:10) स्टींग को ही लीजिए।
यहोवा ने मेरी देखभाल की है वीडियो दिखाइए। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए:
• बाइबल की किस आयत से स्टींग को मदद मिली और क्यों?
• यहोवा ने कैसे उसकी देखभाल की?
माता-पिताओ, अगर आपके बच्चों को चिंताएँ होती हैं तो आप उनकी मदद कर सकते हैं। सब्र से उनकी सुनिए, उनसे कहिए कि आप उनसे प्यार करते हैं और उन्हें यकीन दिलाइए कि यहोवा भी उनसे प्यार करता है। (तीत 2:4; याकू 1:19) इस दौरान दिलासा पाने के लिए यहोवा से प्रार्थना कीजिए, उससे हिम्मत माँगिए।
शायद हमें पता ना हो कि मंडली में कौन एंज़ाइटी से गुज़र रहा है या शायद हम समझ ना पाएँ कि उन पर क्या बीत रही है, फिर भी हम उनकी मदद कर सकते हैं। हम मंडली के सभी भाई-बहनों को एहसास दिला सकते हैं कि हम उनसे प्यार करते हैं, उन्हें अपना मानते हैं।—नीत 12:25; इब्र 10:24.
8. मंडली का बाइबल अध्ययन
(30 मि.) गवाही दो अध्या. 16 पै 6-9, पेज 132 पर बक्स