जीएँ मसीहियों की तरह
जब कोई बच्चा दरवाज़ा खोले
अगर कोई बच्चा दरवाज़ा खोलता है, तो हमें उसे अपने माता-पिता को बुलाने के लिए कहना चाहिए। वे घर के मुखिया हैं और ऐसा करके हम उनका आदर कर रहे होंगे। (नीत 6:20) अगर बच्चा हमें घर में आने के लिए कहता है, तो हमें मना करना चाहिए। अगर माता-पिता घर पर नहीं हैं, तो हमें किसी और वक्त वहाँ जाना चाहिए।
अगर बच्चा थोड़ा बड़ा है यानी 15-18 साल का है, तो भी हमें उसे अपने माता-पिता को बुलाने के लिए कहना चाहिए। अगर वे घर पर नहीं हैं, तो हम पूछ सकते हैं कि अगर हम उसे पढ़ने के लिए कुछ दें, तो उसके माता-पिता को कोई एतराज़ तो नहीं होगा? अगर उन्हें एतराज़ नहीं होगा, तो हम उसे कोई प्रकाशन दे सकते हैं और हमारी वेबसाइट jw.org के बारे में बता सकते हैं।
जो बच्चा और जानना चाहता है, उससे दोबारा मिलते वक्त हमें उसके माता-पिता से भी मिलना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि हम क्यों आए हैं और यह भी कि बाइबल में परिवार के लिए अच्छी और भरोसेमंद सलाह दी गयी है। (भज 119:86, 138) जब हम बच्चे के माता-पिता से मिलते हैं, तो हम उनका आदर कर रहे होते हैं। इससे वे देख पाएँगे कि हम अच्छे लोग हैं और हमें भी पूरे परिवार को खुशखबरी बताने का मौका मिलता है।—1पत 2:12.