17-23 सितंबर
यूहन्ना 5-6
गीत 1 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“यीशु के पीछे सही इरादे से चलिए”: (10 मि.)
यूह 6:9-11—यीशु ने चमत्कार करके एक बड़ी भीड़ को खाना दिया (“आदमियों की गिनती करीब 5,000 थी” अ.बाइ. यूह 6:10 अध्ययन नोट)
यूह 6:14, 24—लोग जान गए कि यीशु ही मसीहा है और अगले दिन उसे ढूँढ़ने लगे (“भविष्यवक्ता” अ.बाइ. यूह 6:14 अध्ययन नोट)
यूह 6:25-27, 54, 60, 66-69—लोग गलत इरादे से यीशु और उसके चेलों के पास आया करते थे, इसलिए उसकी बातें सुनकर उनका विश्वास डगमगा गया (“उस खाने के लिए . . . जो नष्ट हो जाता है, . . . उस खाने के लिए . . . जो . . . हमेशा की ज़िंदगी देता है” अ.बाइ. यूह 6:27 अध्ययन नोट; “मेरे शरीर में से खाता है और मेरे खून में से पीता है” अ.बाइ. यूह 6:54 अध्ययन नोट; प्र05 9/1 पेज 21 पै 13-14)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
यूह 6:44—पिता लोगों को अपने पास कैसे खींचता है? (“खींच” अ.बाइ. यूह 6:44 अध्ययन नोट)
यूह 6:64—यीशु किस मायने में “शुरू से” जानता था कि यहूदा उसके साथ विश्वासघात करेगा? (“यीशु जानता था . . . कौन . . . उसके साथ विश्वासघात करेगा,” “शुरू से” अ.बाइ. यूह 6:64 अध्ययन नोट)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा के बारे में क्या सीखा?
इन अध्यायों में आपको और क्या-क्या रत्न मिले?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या उससे कम) यूह 6:41-59
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात: (2 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव आज़माइए। व्यक्ति कोई ऐसी बात कहता है, जो अकसर आपके इलाके में लोग बातचीत रोकने के लिए कहते हैं।
दूसरी मुलाकात: (3 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव सुझाव अपनाकर बात शुरू कीजिए। व्यक्ति कहता है कि वह ईसाई है।
तीसरी मुलाकात का वीडियो: (5 मि.) वीडियो दिखाइए और चर्चा कीजिए।
जीएँ मसीहियों की तरह
गीत 26
आपका कैसा अनुभव रहा? (5 मि.) चर्चा। भाई-बहनों से उनके अनुभव पूछिए कि उन्होंने कैसे लोगों से बात शुरू की और गवाही दे पाए।
“कुछ भी बेकार नहीं हुआ”: (10 मि.) चर्चा। उम्दा निर्माण योजना—पर्यावरण की रक्षा और यहोवा की महिमा—एक झलक नाम का वीडियो दिखाइए।
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) विश्वास की मिसाल अध्या 16 पै 16-29, “एक भविष्यवाणी पूरी हुई” नाम का बक्स और “मनन के लिए सवाल”
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 16 और प्रार्थना