24–30 सितंबर
यूहन्ना 7-8
गीत 2 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“यीशु ने अपने पिता की महिमा की”: (10 मि.)
यूह 7:15-18—जब यीशु की शिक्षाओं की तारीफ की गयी, तो उसने इसका श्रेय यहोवा को दिया (मेरा चेला पेज 100-101 पै 5-6)
यूह 7:28, 29—यीशु ने कहा कि उसे परमेश्वर ने भेजा है। यह दिखाता है कि वह यहोवा के अधीन रहता था
यूह 8:29—यीशु ने लोगों को बताया कि वह हमेशा वही करता है जिससे यहोवा खुश होता है (प्र11 3/15 पेज 11 पै 19)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
यूह 7:8-10—क्या यीशु ने अपने अविश्वासी भाइयों से झूठ बोला था? (प्र07 2/1 पेज 6 पै 4)
यूह 8:58—इस आयत के आखिर में “मैं हूँ” के बजाय “पहले से वजूद में हूँ” अनुवाद किया गया है। यह क्यों सही है? यह क्यों मायने रखता है? (“मैं . . . पहले से वजूद में हूँ” अ.बाइ. यूह 8:58 अध्ययन नोट)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा के बारे में क्या सीखा?
इन अध्यायों में आपको और क्या-क्या रत्न मिले?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या उससे कम) यूह 8:31-47
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
तीसरी मुलाकात: (3 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव अपनाकर बात शुरू कीजिए। फिर व्यक्ति को सभा में बुलाइए।
चौथी मुलाकात: (3 मि. या उससे कम) कोई आयत चुनिए और अध्ययन के लिए इस्तेमाल होनेवाला कोई प्रकाशन दीजिए।
बाइबल अध्ययन: (6 मि. या उससे कम) प्यार के लायक पेज 9-10 पै 10-11
जीएँ मसीहियों की तरह
गीत 42
“मसीह की तरह नम्र बनिए और अपनी मर्यादा में रहिए”: (15 मि.) चर्चा। सभी वीडियो दिखाइए।
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) विश्वास की मिसाल अध्या 17 पै 1-13
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 29 और प्रार्थना