गीत 153
मुझे हिम्मत दे
1. घेरे चारों ओर से
संदेह और डर मुझे।
कहाँ जाऊँ जब ना सूझे
दिखाता राह मुझे।
ज़िंदगी कठिन है
सच है मगर ये भी;
देता साथ, तू है वफादार
महफूज़ है जान मेरी।
(कोरस)
यहोवा, दे विश्वास ऐसा
कि देख सकूँ सदा;
उनसे ज़्यादा हैं संग हमारे
हौसला ये टूटे ना।
हिम्मत, दे तू हिम्मत
कि सह सकूँ सभी
यहोवा, दे तू हिम्मत
पक्की है जीत तेरी।
2. माटी का बना हूँ
कमज़ोर हूँ, डरता मैं।
पर चट्टान और गढ़ तू मेरा,
ताकत मिलती तुझसे।
दे मुझे तू हिम्मत,
मज़बूत हो दिल मेरा।
हों सलाखें या फिर मौत भी
रख पाएँ कैद में ना।
(कोरस)
यहोवा, दे विश्वास ऐसा
कि देख सकूँ सदा;
उनसे ज़्यादा हैं संग हमारे
हौसला ये टूटे ना।
हिम्मत, दे तू हिम्मत
कि सह सकूँ सभी
यहोवा, दे तू हिम्मत
पक्की है जीत तेरी।
(कोरस)
यहोवा, दे विश्वास ऐसा
कि देख सकूँ सदा;
उनसे ज़्यादा हैं संग हमारे
हौसला ये टूटे ना।
हिम्मत, दे तू हिम्मत
कि सह सकूँ सभी
यहोवा, दे तू हिम्मत
पक्की है जीत तेरी।
यहोवा, दे तू हिम्मत
पक्की है जीत तेरी।