गीत 113
शांति, हमारी अमानत!
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1. शांति का ईश्वर तू याह,
तेरी जय करें!
युद्धों को मिटाएगा,
नफरत ना रहे।
शांति लाए हर कहीं,
याह, बेटा तेरा!
जीते जंग सच्-चा-ई की,
एका लाएगा!
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2. भालों और तलवारों को
हमने है तोड़ा।
चुभनेवाली बातों को
कहना है छोड़ा।
शांति रखना चाहें गर,
माफी सबको दें।
जीना सीखें यीशु से,
उसकी राह चलें।
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3. हर हुकुम यहोवा का
दिल से जो मानें,
खुश होके यहोवा फिर
शांति दे हमें।
शांति जब हर हाल रखें
तो जल्द ही देखें,
दिन वो खास जब राज लाए,
शांति धरती पे।
(भज. 46:9; यशा. 2:4; याकू. 3:17, 18 भी देखें।)