गीत 116
ताकत कृपा की
-
1. यहोवा, तेरी शक्-ति है अपार,
बुद्-धि के क्या कहने!
फिर भी, तू बड़ा कृपालु है याह!
स्तुति तेरी करते दिल से।
-
2. ज़ुल्मों से दबे हैं जो भी यहाँ,
यीशु उनसे कहे:
‘जुत जाओ मेरे जुए में अभी,
दीन हूँ मैं, ताज़गी दूँ तुम्हें।’
-
3. यहोवा और यीशु से सीखें हम,
कृपा करना सब पे।
कृपालु बनें तो देखेंगे हम,
फौलादी ताकत है इसमें।
(मीका 6:8; मत्ती 11:28-30; कुलु. 3:12; 1 पत. 2:3 भी देखें।)