गीत 4
“यहोवा मेरा चरवाहा है”
(भजन 23)
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1. याह तू है मेरा चरवाहा,
चलूँगा मैं संग तेरे।
मेरे अरमाँ तुझसे ना छिपे,
ज़रूरत भी तू जाने।
चरागाह में तू ले आए,
मैं पाऊँ सुकूँ जहाँ।
तू सदा रखता है खयाल मेरा,
निभाता मुझसे वफा।
सदा तू रखता खयाल मेरा,
निभाता मुझसे वफा।
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2. तेरी नेक राहों पे चलके,
होता हूँ तरो-ताज़ा।
तुझसे वफा मैं करता रहूँ,
मेरी बस यही दुआ।
टूटे कहर कोई भारी,
तो भी ना डरूँ कभी।
तू है साथ हमेशा, ऐ दोस्त मेरे,
हिफाज़त करे मेरी।
तू साथ हमेशा, ऐ दोस्त मेरे,
हिफाज़त करे मेरी।
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3. याह तू है मेरा चरवाहा,
चलूँगा मैं संग तेरे।
बाँधे तू हिम्-मत हारूँ जब भी,
मिलता तुझसे बल मुझे।
मैं जानूँ तू सच्चा ईश्वर,
है पूरा विश्वास तुझ पे।
मुझे हर कदम तेरा प्यार मिला,
जीवन-भर यूँ ही मिले।
हाँ, हर कदम तेरा प्यार मिला,
जीवन-भर यूँ ही मिले।