गीत 60
लगी है दाँव पे ज़िंदगी
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1. आया दिन वो करीब
लेगा याह जब इंतिकाम।
‘अब मंज़ूरी तू पा ले,’
सभी को है पैगाम।
(कोरस)
लगी है दाँव पे ज़िंदगी,
देना संदेश है अभी।
बचेंगे हम, वो भी बचें,
मानें यहोवा का कहा
गर सभी।
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2. करते प्यार से अब हम
ये गुज़ारिश लोगों से,
जल्द सुलह कर लें याह से,
ना देर वो और करें।
(कोरस)
लगी है दाँव पे ज़िंदगी,
देना संदेश है अभी।
बचेंगे हम, वो भी बचें,
मानें यहोवा का कहा
गर सभी।
(खास पंक्तियाँ)
लोग सुन लें, है ज़रूरी,
उन्हें दिल खोलके देते ज्ञान।
सीखें वो, पाएँ जीवन,
यही तो याह का है अरमान।
(कोरस)
लगी है दाँव पे ज़िंदगी,
देना संदेश है अभी।
बचेंगे हम, वो भी बचें,
मानें यहोवा का कहा
गर सभी।
(2 इति. 36:15; यशा. 61:2; यहे. 33:6; 2 थिस्स. 1:8 भी देखें।)