गीत 61
बढ़ते चलो, साक्षियो!
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1. जोशो-जुनूँ से गवाही हम देंगे,
यहोवा के सैनिक हैं, तैयारी कर लें,
रूहानी तलवार हम उठा लें,
शैताँ की सारी ज़ंजीरें अब तोड़ दें!
(कोरस)
बढ़ाते चलें कदम, हिम्-मत ना हारें,
करीब है जहान नया, सबको बताएँ।
इस धरती पे हम सब खुशी से जीएँगे,
याह से ढेरों आशीषें पाएँगे!
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2. ऐशो-आराम की ना ज़िंदगी जीएँ,
खुशामद सरकारों की ना कभी करें,
दुन्-या के शाहों से क्यों डरना?
जंग हमें याह की ताकत से ही लड़ना!
(कोरस)
बढ़ाते चलें कदम, हिम्-मत ना हारें,
करीब है जहान नया, सबको बताएँ।
इस धरती पे हम सब खुशी से जीएँगे,
याह से ढेरों आशीषें पाएँगे!
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3. तोहमत लगायी यहोवा पे कैसी,
शैताँ ने फैलायी लाखों बातें झूठी,
लोगों को सच्-चा-ई बताएँ,
याह के नाम से कलंक आओ मिटाएँ!
(कोरस)
बढ़ाते चलें कदम, हिम्-मत ना हारें,
करीब है जहान नया, सबको बताएँ।
इस धरती पे हम सब खुशी से जीएँगे,
याह से ढेरों आशीषें पाएँगे!
(निर्ग. 9:16; फिलि. 1:7; 2 तीमु. 2:3, 4; याकू. 1:27 भी देखें।)