गीत 72
यहोवा के राज की सच्चाई फैलाएँ
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हम चलते थे अँधेरे में,
मसीही राह जानते ना थे।
फिर याह से रौशनी मिली,
सच्-चा-ई राज की साफ दिखी।
तब हम समझे याह की मरज़ी,
कैसे करें सेवा राज की,
गुण गाएँ कैसे याह के
और उसका नाम ऊँचा कैसे करें।
गवाही हम सब को देते,
घरों में या चौराहे पे।
सिखाते हैं हम सच्-चा-ई
जिससे रिहाई है मिलती।
जगह-जगह मेह-नत करते,
ख्वाहिश है, लोग याह को जानें।
जब तक याह नहीं रोके,
एक होके काम उसका करते रहें।
(यहो. 9:9; यशा. 24:15; यूह. 8:12, 32 भी देखें।)