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गीत 85

एक-दूसरे का स्वागत करें

एक-दूसरे का स्वागत करें

(रोमियों 15:7)

  1. 1. स्वागत सबका जो हाज़िर हैं यहाँ!

    सब सीखने आए वचन याह का।

    जीवन का जल वो सभी को देता।

    हम प्यास अपनी बुझाएँ और मानें एहसाँ।

  2. 2. भाई ये सारे याह ने हैं दिए,

    अपनाते हैं जो हमें दिल से।

    अनमोल इन्हें हम मानते ही रहें;

    इनके जैसे हम भी सबका स्वागत करें।

  3. 3. याह का बुलावा जाता है सबको,

    अब राह सच्‌-चा-ई की चुन लें वो।

    याह और यीशु पास खींचते हैं हमें;

    तो दिल बड़ा करके सबका स्वागत करें।