ज़रूरी काम
1. लेने होते हैं फैसले, हर दिन हमें
क्या हैं ज़रूरी काम, जो करने हमें
होते हैं हँसने-खेलने के भी कुछ दिन
पर जीने का मकसद बस इतना ही नहीं।
(कोरस)
करनी है हमको दुआ और बाइबल पढ़ाई
क्योंकि ये काम हैं ज़रूरी
करनी हमें इबादत है याह की।
छोड़के हर बोझ, जो रोके हमें
मंज़िल की सोचें, आगे बढ़ें
जीवन में रखेंगे पहले, ज़रूरी काम।
2. पड़ जाते हैं भारी, कभी खर्चे
ऐसे में घट ना जाए भरोसा मन में
परिवार को भी है वक्त देना
और गर हम चाहते हैं वो भी संग बढ़ें आगे–
(कोरस)
करनी है हमको दुआ और बाइबल पढ़ाई
क्योंकि ये काम हैं ज़रूरी
करनी हमें इबादत है याह की।
छोड़के हर बोझ, जो रोके हमें
मंज़िल की सोचें, आगे बढ़ें
जीवन में रखेंगे पहले, ज़रूरी काम।
(कोरस)
करनी है हमको दुआ और बाइबल पढ़ाई
क्योंकि ये काम हैं ज़रूरी
करनी हमें इबादत है याह की।
छोड़के हर बोझ, जो रोके हमें
मंज़िल की सोचें, आगे बढ़ें
जीवन में रखेंगे पहले, ज़रूरी काम।