तलाश
1. तलाशोगे तो पाओगे
सच के बेशकीमती मोती।
लेकर मन में सवालों का बड़ा अंबार
चल दिए करने तलाश।
(प्री-कोरस)
मन में था विश्वास कि कल हो या आज
सच से होगा दीदार, कहीं तो है सच्चाई।
(कोरस)
तलाश—हमें थी तलाश
बस उन जवाबों की
मिलती जिनसे जीवन में राह,
आए कहाँ से हम और क्यों ज़रूरी है जल्द आए ईश्वर का राज,
जारी थी तलाश।
2. हम तो थे अनजान कि ईश्वर का नाम
यहोवा है लेना हमें।
जाना हमने इस सच को जब
रंग लायी थी ये तलाश।
(प्री-कोरस)
मन में था विश्वास कि कल हो या आज
पाएँगे सच्चाई जीवन से जुड़ी बातों की।
(कोरस)
तलाश—हमें थी तलाश
बस उन जवाबों की
मिलती जिनसे जीवन में राह,
आए कहाँ से हम और वो फिरदौस जो लाएगा जल्द ही ईश्वर का राज,
करते रहो तलाश।
(खास पंक्तियाँ)
दिखते जब और भी लोग, ढूँढ़ते सच के मोती,
हम ना रोकेंगे खुद को,
देंगे मदद कि वो भी पा लें
सच्चाई जीवन में
और अपना लें मोती सच के।
(कोरस)
तलाश—हमें थी तलाश
बस उन जवाबों की
मिलती जिनसे जीवन में राह,
आए कहाँ से हम, जीना हमेशा जब आए ईश्वर का राज,
करते रहो तलाश।