दिल से माफ करूँ
1. साथी है ये कड़वाहट मेरी,
दिल ज़ख्मी मेरा, मैं क्या करूँ?
काश मैं अपना चैन फिर पाऊँ।
जानूँ मैं ये, करना होगा माफ
पर ऐसा करना तो आसाँ नहीं,
गलती जब ना मेरी थी कभी।
(प्री-कोरस)
अब करूँ दुआ मैं यहोवा से
कुछ ना छिपा है उससे, गम वो समझे,
सो जानूँ देता है वो
(कोरस)
बल कि भूल जाऊँ
जब याह है साथ तो कर पाऊँ।
“हे याह, कर तू मदद मेरी,
दिल से करूँ माफ मैं।”
समझाए वो मुझे
कि माफ कर पाऊँ उसी के जैसे।
“हे याह, कर तू मदद मेरी,
दिल से करूँ माफ मैं।”
करूँ माफ मैं।
2. कोशिश करूँ कि भूल जाऊँ मैं,
पर लौटती हैं फिर ये यादें
काश ये ना सताएँ अब मुझे।
जानूँ ये भी जब याह को दूँ बोझ
और माफ करूँ, तब ये होगा हलका
फिर से मैं ये उठाऊँ ना।
(प्री-कोरस)
अब करूँ दुआ मैं यहोवा से
कुछ ना छिपा है उससे, गम वो समझे,
सो जानूँ देता है वो
(कोरस)
बल कि भूल जाऊँ
जब याह है साथ तो कर पाऊँ
“हे याह, कर तू मदद मेरी,
दिल से करूँ माफ मैं।”
समझाए वो मुझे
कि माफ कर पाऊँ उसी के जैसे।
“हे याह, कर तू मदद मेरी,
दिल से करूँ माफ मैं।”
करूँ माफ मैं।
करूँ माफ मैं।
करूँ माफ मैं।
करूँ माफ मैं।