विश्वास से बात बन जाए
1. सवालों की झड़ी, दिल में थी मेरे,
मिले जो तुम मुझसे, सुकूँ-सा मिला।
हाँ वो सुनके, दिलासा मिला।
जवाबों को पाने का आया था वो दिन,
चिंताएँ फिर मेरी, मिट ही गयीं,
थी जो चिंता, मिट ही गयी।
(कोरस)
चाहे राह ये, न हो आसान,
विश्वास से बात बन जाए।
चाहे नामुमकिन लगे आसार,
विश्वास से बात बन जाए,
बात बन जाए।
2. सीखीं जो बातें, हैं प्यारी मुझे।
संदेश है सुनाना औरों को भी,
है बताना, औरों को भी।
विश्वास दिल में जलता हुआ-सा है इक दीप।
रौशन है रखना मुझे ये लौ,
है बचाना, मुझको ये लौ।
(कोरस)
चाहे राह ये, न हो आसान,
विश्वास से बात बन जाए।
चाहे नामुमकिन लगे आसार,
विश्वास से बात बन जाए,
बात बन जाए।
(खास पंक्तियाँ)
जब हों बातें, छाए दुख की घटाएँ।
दुआ करके, लिपटे याह से रहना है।
गर हो-गा भरोसा याह पे,
भरेगा वो ताकत से।
हों जो भी आज़माइशें,
तेरे संग रहेगा।
(कोरस)
चाहे राह ये, न हो आसान,
विश्वास से बात बन जाए।
चाहे नामुमकिन लगे आसार,
विश्वास से बात बन जाए।
(कोरस)
मुझे है ये यकीं पूरा,
विश्वास से बात बन जाए।
चाहे नामुमकिन लगे आसार,
विश्वास से बात बन जाए,
बात बन जाए।