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सादगी से जीएँ!

सादगी से जीएँ!
  1. 1. ना बनें गुलाम इस जग के,

    दुन्‌-या के सारे वादे हैं झूठे;

    ज़ंजीरें क्यों पहनें पैरों में?

    मंज़िल तक चलें आज़ाद होके!

    (कोरस)

    सादगी से जीएँ!

    देगा ज़रूरतें याह!

    बेहतर वो जीवन जो है सादा!

    सो बनके आज़ाद

    जी पाएँ याह के लिए।

    हो जीवन सादा, तब हों खुशहाल!

  2. 2. चीज़ों का अंबार क्यों लगाएँ?

    है फरेबी का ही जाल ये।

    गर थोड़े में हम खुशी पा सकें,

    यही नुस्खा देगा चैन हमें।

    (कोरस)

    सादगी से जीएँ!

    देगा ज़रूरतें याह!

    बेहतर वो जीवन जो है सादा!

    सो बनके आज़ाद

    जी पाएँ याह के लिए।

    हो जीवन सादा, तब हों खुशहाल!

    (खास पंक्‍तियाँ)

    याह हर रोज़ है संग अपने,

    हमें साहस वो ही दे।

    कोशिश करते ही रहें,

    होगी जीत हासिल हमें!

    फिकर हम ना करें!

  3. 3. याह पे भरोसा हमने रख लिया!

    बोझ ना रहा जग की गुलामी का!

    अब ना है बंदिश याह की सेवा में,

    सुकूँ मिला सादे जीवन से!

    (कोरस)

    सादगी से जीएँ!

    देगा ज़रूरतें याह!

    बेहतर वो जीवन जो है सादा!

    सो बनके आज़ाद

    जी पाएँ याह के लिए।

    हो जीवन सादा!

    (कोरस)

    सादगी से जीएँ!

    देगा ज़रूरतें याह!

    बेहतर वो जीवन जो है सादा!

    सो बनके आज़ाद

    जी पाएँ याह के लिए।

    हो जीवन सादा, तब हों खुशहाल!