नौजवानों के सवाल
गलतियाँ होने पर मैं क्या करूँ?
आप क्या करेंगे?
गौर कीजिए कि करीना के साथ क्या हुआ और फिर कल्पना कीजिए कि वही आपके साथ हो रहा है। अगर आप उसकी जगह पर हों तो आप क्या करेंगे?
करीना: “मैं स्कूल जा रही थी और गाड़ी बहुत तेज़ चला रही थी। एक पुलिसवाले ने मुझे रोका और गाड़ी तेज़ चलाने की वजह से मेरा चलान किया। मैं बहुत परेशान हो गयी! मैंने अपनी मम्मी को सारी बात बतायी। उन्होंने कहा कि मुझे पापा को सबकुछ बताना होगा लेकिन मैं उन्हें कुछ नहीं बताना चाहती थी।”
आप क्या करेंगे?
1. चुप रहेंगे और यही उम्मीद करेंगे कि पापा को इसके बारे में कभी पता न चले।
2. पापा को सबकुछ बता देंगे।
आपको शायद पहला रास्ता आसान लगे। आपके चुप रहने से आपकी मम्मी को यही लगेगा कि आपने पापा को सबकुछ सच-सच बता दिया है। लेकिन अपनी गलती मान लेना हमेशा अच्छा होता है फिर चाहे आपने गाड़ी तेज़ चलाने की गलती की हो या कुछ और।
अपनी गलती मान लेने की तीन वजह
1. ऐसा करना सही है। मसीही होने के नाते हमें बाइबल की यह बात माननी चाहिए, “हम सब बातों में ईमानदारी से काम करना चाहते हैं।”—इब्रानियों 13:18.
“मैं बहुत कोशिश करती हूँ कि मैं सच बोलूँ और जल्द-से-जल्द अपनी गलतियाँ मान लूँ।”—अलैकसिस।
2. जो अपनी गलती मान लेता है उसे लोग जल्दी माफ कर देते हैं। बाइबल बताती है, “जो अपने अपराध छिपाए रखता है वह सफल नहीं होगा, लेकिन जो इन्हें मान लेता है और दोहराता नहीं, उस पर दया की जाएगी।”—नीतिवचन 28:13.
“अपनी गलती मान लेना आसान नहीं इसके लिए बहुत हिम्मत चाहिए। लेकिन जब हम ऐसा करते हैं तो हम लोगों का भरोसा जीत पाते हैं। गलती मान लेने से कई बार बिगड़ती बात बन जाती है।”—रिचर्ड।
3. सबसे बड़ी बात, इससे यहोवा परमेश्वर खुश होता है। बाइबल बताती है, “यहोवा कपटी लोगों से नफरत करता है, मगर सीधे-सच्चे लोगों से गहरी दोस्ती रखता है।”—नीतिवचन 3:32.
“एक बार मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गयी। फिर मुझे एहसास हुआ कि मुझे आगे आकर अपनी गलती मान लेनी चाहिए। अगर मैं यहोवा के मुताबिक काम न करूँ तो वह मुझे कैसे आशीष देगा?”—रेचल।
करीना ने जब गलती की तो उसके बारे में उसने क्या किया? उसने अपने पापा से यह बात छिपाए रखी कि गाड़ी तेज़ चलाने की वजह से उसका चलान हुआ है। लेकिन यह बात ज़्यादा समय तक छिपी नहीं रही। वह कहती है, “करीब एक साल बाद, जब पापा हमारे इंशौरन्स के कागज़ात देख रहे थे तो उन्हें वह चलान मिला और मैं पकड़ी गयी। मेरी मम्मी भी बहुत गुस्सा हुई कि मैंने उनकी बात नहीं मानी!”
सबक: करीना कहती है, “अगर हम अपनी गलतियाँ छिपाएँ तो बात सिर्फ बिगड़ती है। कभी-न-कभी हमें उनका नुकसान भरना ही पड़ता है।”
अपनी गलतियों से सबक कैसे सीखें
हम सब गलतियाँ करते हैं। (रोमियों 3:23; 1 यूहन्ना 1:8) और ज़रूरी है कि हम फौरन अपनी गलती मान लें। जब हम ऐसा करते हैं तो हम दिखाते हैं कि हम समझदार और नम्र हैं।
लेकिन इसके आगे भी कुछ करना ज़रूरी है। वह है, अपनी गलतियों से सीखना। अफसोस कि कुछ नौजवान ऐसा नहीं करते। वे शायद वैसा महसूस करते हों जैसा प्रिसिल्ला ने महसूस किया था। वह कहती है, “मैं अपनी गलतियों की वजह से बहुत निराश हो जाती थी। मैं खुद को गिरा हुआ समझती थी। इस वजह से मेरी गलतियाँ मेरे लिए भारी-भरकम बोझ बन जाती थीं जिसे मैं उठा नहीं सकती थी। ये भावनाएँ मुझ पर इस कदर हावी हो जाती थीं कि मुझे लगता था कि मेरा कुछ नहीं हो सकता।”
क्या आप भी कभी-कभी ऐसा महसूस करते हैं? अगर हाँ तो याद रखिए: पिछली गलतियों के बारे में सोचते रहना मानो ऐसा है जैसे आप गाड़ी चलाते वक्त शीशे में पीछे छूटी चीज़ों को देख रहे हैं। नतीजा, इससे दुर्घटना हो सकती है। अगर हम पिछली गलतियों के बारे में ही सोचते रहेंगे तो हमें यही लगेगा कि हम किसी काम के नहीं और हम आनेवाली मुश्किलों का सामना नहीं कर पाएँगे।
इसके बजाय, अपनी गलतियों के बारे में सही नज़रिया रखिए।
“अपनी पिछली गलतियों के बारे में सोचना गलत नहीं हैं क्योंकि इन गलतियों से हम सीख सकते हैं ताकि हम इन्हें न दोहराएँ। लेकिन अगर हम इनके बारे में हद-से-ज़्यादा सोचें तो ये हमारी हिम्मत तोड़ सकती हैं।”—एलियट।
“मैं कोशिश करती हूँ कि मैं अपनी हर गलती से सबक सीखूँ और खुद में सुधार करूँ। और अगर मुझसे वही गलती दोबारा हो जाए तो कोई दूसरा तरीका अपनाऊँ। ऐसा करने से हम और समझदार इंसान बनते हैं।”—वेरा।