नौजवानों के सवाल
मम्मी-पापा मुझे मज़े क्यों नहीं करने देते?
आपके दोस्तों ने आपको वीकेंड पर पार्टी के लिए बुलाया है। आप अपने मम्मी-पापा से पूछते हैं कि क्या आप जा सकते हैं? पर वे एकदम मना कर देते हैं। आपको लगा ही था कि वे मना कर देंगे क्योंकि पिछली बार भी उन्होंने ऐसा ही किया था।
इस लेख में हम जानेंगे:
मम्मी-पापा हर बार मना क्यों कर देते हैं?
शायद आपको लगता हो कि मम्मी-पापा हर बात के लिए मना कर देते हैं और आप सोचने लगें कि वे चाहते ही नहीं कि आप खुश रहें।
जब 17 साल की मारिया को अपना पहला फोन मिला तो उसे भी ऐसा ही लगा। वह कहती है, “पापा ने बहुत सारे नियम बना दिए थे। मैं कौन-से ऐप डाउनलोड कर सकती हूँ, किससे बात कर सकती हूँ, कितने बजे तक फोन चला सकती हूँ . . . लेकिन मेरे दोस्तों के साथ ऐसा नहीं था, वे सबकुछ कर सकते थे!”
ज़रा सोचिए: क्या मारिया के पापा सच में यह चाहते थे कि वह मज़े ना करे या उन्हें किसी बात को लेकर चिंता थी?
ऐसा करके देखिए: खुद को अपने मम्मी-पापा की जगह रखिए। आपने अपने बच्चे को एक नया फोन दिया है, अब आपको किस बात की चिंता होगी? अपने बच्चे की हिफाज़त करने के लिए आप कौन-से नियम बनाएँगे? और अगर आपका बच्चा आपसे कहे कि आप उसे मज़े नहीं करने देते तो आप क्या कहेंगे?
“पापा हमेशा कहते थे कि खुद को मेरी जगह रखके देखो। इससे मैं समझ पायी कि उन्होंने वे नियम क्यों बनाए और इनसे कैसे मेरी हिफाज़त होती थी। अगर मेरे भी बच्चे होते तो मैं भी वही करती जो पापा ने किया।”—तान्या।
मम्मी-पापा को कैसे मनाऊँ?
“चिल्लाने से कुछ हासिल नहीं होगा। उलटा आप और आपके मम्मी-पापा थक जाएँगे और आपको एक-दूसरे से बात करने का मन नहीं करेगा। अगर आप बहस करेंगे तो आपके मम्मी-पापा को लगेगा कि आप बच्चों जैसा बरताव कर रहे हैं और अभी आपको और छूट नहीं देनी चाहिए।”—रिचर्ड।
“जब मम्मी-पापा कोई नियम बनाते हैं, तो कुछ सोचकर ही बनाते हैं। ऐसा नहीं है कि वे चाहते हैं कि मैं मज़े ना करूँ। वे तो चाहते हैं कि मैं खूब मज़े करूँ। बस यह नहीं चाहते कि मस्ती करने के चक्कर में मैं किसी मुसीबत में पड़ जाऊँ।”—आइवी।
पवित्र शास्त्र का सिद्धांत: “मूर्ख अपने मन की सारी भड़ास निकाल देता है, मगर बुद्धिमान खुद पर काबू रखता है और शांत रहता है।”—नीतिवचन 29:11.
“पापा ने फोन चलाने को लेकर कुछ नियम बनाए तो थे, लेकिन मैं अपनी मरज़ी करने के लिए कोई-ना-कोई तरीका ढूँढ़ लेती थी। मैं चुपके से देर रात को अपने फ्रेन्ड्स को मैसेज करती थी और ऐसे ऐप डाउनलोड करती थी जिनके लिए उन्होंने मना किया था। पर उन्हें इस बात का पता चल ही जाता था इसलिए वे और भी सख्त नियम बना देते थे क्योंकि मैंने उनका भरोसा तोड़ा था। चोरी-छिपे नियम तोड़ने से हमारा ही नुकसान होता है।”—मारिया।
“सब्र रखिए। हो सकता है आपके मम्मी-पापा को किसी नियम में फेरबदल करने में थोड़ा वक्त लगे। लेकिन जब वे देखेंगे कि आप उनके नियम मानते हैं, तो हो सकता है वे आपको और छूट देने के लिए तैयार हो जाएँ।”—मैलिंडा।
पवित्र शास्त्र का सिद्धांत: “हे बच्चो, हर बात में अपने माता-पिता का कहना माननेवाले बनो।”—कुलुस्सियों 3:20.
“एक ही चीज़ की रट लगाने से बात और बिगड़ जाएगी और आप जो चाहते हैं, वह भी आपको नहीं मिलेगा।”—नैटली।
“माँ-बाप चाहते हैं कि आप कोई भी फैसला सोच-समझकर करें। इसलिए जब मैं मम्मी-पापा से बात करता हूँ, तो इमोशनल होने के बजाय मैं साफ-साफ बताता हूँ कि मैं ऐसा क्यों करना चाहता हूँ। ऐसा करने से वे अकसर मेरी बात मान जाते हैं।”—जोसेफ।
पवित्र शास्त्र का सिद्धांत: “अपने पिता और अपनी माँ का आदर करना।”—इफिसियों 6:2.