पवित्र शक्ति क्या है?
शास्त्र से जवाब
पवित्र शक्ति परमेश्वर की ज़ोरदार शक्ति है। (मीका 3:8; लूका 1:35) परमेश्वर किसी भी जगह अपनी पवित्र शक्ति भेज सकता है और अपनी मरज़ी पूरी कर सकता है।—भजन 104:30; 139:7.
बाइबल के मूल पाठ के जिन वचनों में इब्रानी शब्द रुआख और यूनानी शब्द नफ्मा आए हैं, उनमें से ज़्यादातर वचनों में पवित्र शक्ति की बात की गयी है। (उत्पत्ति 1:2) लेकिन कुछ वचनों में शब्द रुआख और नफ्मा का मतलब अलग है। जैसे:
साँस।—हबक्कूक 2:19.
हवा।—उत्पत्ति 8:1; यूहन्ना 3:8.
सब प्राणियों में मौजूद जीवन-शक्ति।—अय्यूब 34:14, 15.
एक इंसान के मन का स्वभाव या रवैया।—गिनती 14:24.
वे सभी जो अदृश्य हैं, जैसे परमेश्वर और स्वर्गदूत।—1 राजा 22:21; यूहन्ना 4:24.
अभी हमने जिनका ज़िक्र किया उन्हें हम देख नहीं सकते, लेकिन उनसे होनेवाले असर को देख या महसूस कर सकते हैं। डब्ल्यू. ई. वाइन ने अपनी किताब में लिखा कि परमेश्वर की शक्ति “हवा की तरह अदृश्य है, इसका कोई शरीर नहीं है और यह बहुत ज़बरदस्त है।”—एन एक्सपोज़िटरी डिक्शनरी ऑफ न्यू टेस्टामेंट वर्ड्स।
बाइबल में परमेश्वर की पवित्र शक्ति को उसका “हाथ” या “उँगली” भी कहा गया है। (भजन 8:3; 19:1; लूका 11:20, फुटनोट; कृपया मत्ती 12:28 से तुलना करें।) जैसे एक कारीगर अपने हाथों और उँगलियों से कोई चीज़ बनाता है, वैसे ही परमेश्वर भी अपनी पवित्र शक्ति से बहुत-से काम करता है। मिसाल के लिए इसी शक्ति से:
विश्व-मंडल बनाया गया।—भजन 33:6; यशायाह 66:1, 2.
बाइबल लिखवायी गयी।—2 पतरस 1:20, 21.
पुराने ज़माने में परमेश्वर के सेवकों ने चमत्कार किए और जोश से प्रचार किया।—लूका 4:18; प्रेषितों 1:8; 1 कुरिंथियों 12:4-11.
परमेश्वर की आज्ञा माननेवाले अपने अंदर अच्छे गुण बढ़ा पाए।—गलातियों 5:22, 23.
पवित्र शक्ति कोई परमेश्वर नहीं है
बाइबल में पवित्र शक्ति को परमेश्वर का “हाथ,” उसकी “उँगली” या “साँस” बताया गया है। (निर्गमन 15:8, 10) परमेश्वर अपनी पवित्र शक्ति का उसी तरह इस्तेमाल करता है जैसे एक कारीगर अपने हाथों का। कारीगर के हाथ अपने आप कोई काम नहीं कर सकते, वह जैसे चाहता है वैसे अपने हाथों को चलाता है। उसी तरह परमेश्वर की पवित्र शक्ति अपने आप कोई काम नहीं कर सकती। परमेश्वर जैसे चाहता है वैसे उससे काम करवाता है। (लूका 11:13) आप ही सोचिए, जब पवित्र शक्ति अपने आप काम नहीं कर सकती, तो उसे परमेश्वर कैसे कहा जा सकता है? ज़रा एक और उदाहरण पर ध्यान दीजिए। पंखे को चलाने के लिए बिजली का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि बिजली ही पंखा है। उसी तरह परमेश्वर अपने सारे काम करने के लिए पवित्र शक्ति का इस्तेमाल करता है, मगर इसका यह मतलब नहीं कि पवित्र शक्ति ही परमेश्वर है। इसके अलावा, बाइबल में पवित्र शक्ति की तुलना पानी से की गयी है और उसका ज़िक्र विश्वास और ज्ञान के साथ किया गया है। इन सारी बातों से पता चलता है कि पवित्र शक्ति कोई परमेश्वर नहीं है।—यशायाह 44:3; प्रेषितों 6:5; 2 कुरिंथियों 6:6.
बाइबल में परमेश्वर का नाम यहोवा और उसके बेटे का नाम यीशु बताया गया है, लेकिन कहीं भी पवित्र शक्ति का नाम नहीं बताया गया है। (यशायाह 42:8; लूका 1:31) यीशु के एक शिष्य स्तिफनुस ने अपनी मौत से पहले स्वर्ग का एक दर्शन देखा। दर्शन में उसने सिर्फ दो लोगों को देखा, न कि तीन लोगों को। बाइबल में लिखा है, “उसने पवित्र शक्ति से भरकर स्वर्ग की तरफ एकटक देखा और उसे परमेश्वर की महिमा दिखायी दी और उसने यीशु को परमेश्वर के दाएँ हाथ खड़े देखा।” (प्रेषितों 7:55) इससे भी पता चलता है कि पवित्र शक्ति परमेश्वर की ज़ोरदार शक्ति है जिसकी वजह से स्तिफनुस यह दर्शन देख पाया।
पवित्र शक्ति के बारे में गलत धारणाएँ
गलत धारणा: “पवित्र आत्मा” या पवित्र शक्ति एक परमेश्वर है और त्रियेक का हिस्सा है। यह बात किंग जेम्स बाइबल में 1 यूहन्ना 5:7, 8 में बतायी गयी है।
सच्चाई: किंग जेम्स बाइबल में 1 यूहन्ना 5:7, 8 में आगे बताए शब्द दिए हैं, “स्वर्ग में पिता, वचन और पवित्र आत्मा हैं: और ये तीनों एक ही हैं। और धरती पर गवाही देनेवाले तीन हैं।” लेकिन खोजकर्ताओं ने पाया है कि ये शब्द प्रेषित यूहन्ना के नहीं हैं। इसलिए ये बाइबल में नहीं होने चाहिए। प्रोफेसर ब्रूस एम. मेट्सगर ने लिखा, “हम यकीन से कह सकते हैं कि ये शब्द शुरू में बाइबल में नहीं थे। इन्हें बाद में जाकर नए नियम में जोड़ा गया था।”—यूनानी नए नियम पर व्याख्या (अँग्रेज़ी)।
गलत धारणा: बाइबल में पवित्र आत्मा (पवित्र शक्ति) का जिस तरह से ज़िक्र किया गया है उससे यही पता चलता है कि वह भी एक परमेश्वर है।
सच्चाई: बाइबल के कुछ वचनों को पढ़ने से ऐसा लग सकता है कि पवित्र शक्ति एक परमेश्वर है न कि कोई शक्ति। मिसाल के लिए, यीशु ने कहा कि पवित्र शक्ति एक ऐसा “मददगार” है, जो अलग-अलग तरह के काम करेगा। जैसे, सबूत देगा, रास्ता दिखाएगा, बात करेगा, सुनेगा और महिमा करेगा। (यूहन्ना 16:7-15) लेकिन इससे यह साबित नहीं होता कि पवित्र शक्ति एक परमेश्वर है, क्योंकि बाइबल में बुद्धि, मौत और पाप का भी इस तरह ज़िक्र किया गया है मानो वे कोई व्यक्ति हों। (नीतिवचन 1:20; रोमियों 5:17, 21) बुद्धि के बारे में कहा गया है कि वह ‘काम’ करती है और उसके ‘बच्चे’ हैं। पाप के बारे में बताया गया है कि वह बहकाता है, मार डालता है और लालच करता है।—मत्ती 11:19; लूका 7:35; रोमियों 7:8, 11.
गलत धारणा: ‘पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा लेना,’ इन शब्दों से यही साबित होता है कि पवित्र आत्मा एक परमेश्वर है।
सच्चाई: बाइबल की कुछ आयतों में किसी के “नाम” से कुछ करने का ज़िक्र किया गया है। इसका मतलब उसके अधिकार से कुछ करना भी हो सकता है। (व्यवस्थाविवरण 18:5, 19-22; एस्तेर 8:10) ज़रूरी नहीं कि शब्द “नाम” एक परमेश्वर या व्यक्ति के लिए ही इस्तेमाल हो। जैसे हिंदी में कहा जाता है, “धर्म के नाम पर . . . ”, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि धर्म कोई व्यक्ति है। तो फिर ‘पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा’ लेने का क्या मतलब है? इसका मतलब है, यह स्वीकार करना कि पवित्र शक्ति परमेश्वर की ज़ोरदार शक्ति है जिससे वह अपनी मरज़ी पूरी करवाता है।—मत्ती 28:19.
गलत धारणा: यीशु के प्रेषित और शिष्य भी मानते थे कि पवित्र आत्मा एक परमेश्वर है।
सच्चाई: यह बात न तो बाइबल में लिखी है, न ही इतिहास की किसी किताब में। इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका में लिखा है, ‘पवित्र आत्मा भी एक ईश्वर है, यह धारणा पहली बार ईसवी सन् 381 में कॉन्सटनटीनोपल की परिषद में पेश की गयी।’ लेकिन ध्यान दीजिए कि यह परिषद यीशु के आखिरी प्रेषित की मौत के 250 साल बाद रखी गयी थी।