लाश को जलाने के बारे में बाइबल क्या कहती है?
शास्त्र का जवाब
लाश को जलाने के बारे में बाइबल में साफ तौर पर कोई निर्देश नहीं दिया गया है। मरे हुओं को दफनाने या जलाने के बारे में बाइबल में कोई आज्ञा नहीं दी गयी है।
बाइबल में लिखा है कि परमेश्वर के कुछ वफादार सेवकों ने अपने अज़ीज़ों की लाश को दफनाया था। मिसाल के लिए, अब्राहम ने अपनी पत्नी सारा की मौत पर उसे दफनाने की जगह पाने के लिए काफी मेहनत की थी।—उत्पत्ति 23:2-20; 49:29-32.
बाइबल में यह भी लिखा है कि कुछ वफादार सेवकों ने मरे हुओं की लाशें जला दी थीं। मिसाल के लिए, जब इसराएल के राजा शाऊल और उसके तीन बेटे युद्ध में मारे गए, तो उनकी लाशें दुश्मनों के इलाके में ही रह गयीं और उन लाशों का अपमान किया गया। जब यह बात कुछ वफादार इस्राएली योद्धाओं को पता चली, तो वे शाऊल और उसके बेटों की लाशें वहाँ से ले गए, उन्हें जला दिया और अवशेषों को दफना दिया। (1 शमूएल 31:8-13) बाइबल बताती है कि उन आदमियों की लाशें जलाकर और उनके अवशेषों को दफनाकर उन्होंने गलत नहीं किया।—2 शमूएल 2:4-6.
लाश को जलाने के बारे में कुछ गलत धारणाएँ
गलत धारणा: लाश को जलाने से शरीर का अपमान होता है।
सच्चाई: बाइबल बताती है कि जब एक इंसान मर जाता है, तो वह मिट्टी में मिल जाता है। (उत्पत्ति 3:19) जब एक लाश सड़ जाती है, तो वह मिट्टी में ही मिल जाती है। लाश को जलाने पर भी वही होता है, क्योंकि शरीर राख बन जाता है। फर्क इतना है कि जलाने से लाश जल्दी से मिट्टी में मिल जाती है।
गलत धारणा: बाइबल के ज़माने में सिर्फ उन लोगों की लाशें जलायी जाती थीं जिनसे परमेश्वर खुश नहीं था।
सच्चाई: यह सच है कि कुछ विश्वासघाती लोगों की लाशें जला दी गयी थीं। जैसे, आकान और उसके परिवार की लाशें। (यहोशू 7:25) लेकिन सभी विश्वासघाती लोगों की लाशें नहीं जलायी जाती थीं। (व्यवस्थाविवरण 21:22, 23) जैसे पहले बताया गया है, कुछ वफादार लोगों की लाशें भी जलायी गयी थीं। जैसे, राजा शाऊल के बेटे योनातन की लाश।
गलत धारणा: एक व्यक्ति की लाश को जला देने से परमेश्वर उसे ज़िंदा नहीं कर पाएगा।
सच्चाई: चाहे एक इंसान की लाश जला दी जाए या दफना दी जाए, चाहे उसकी लाश समुंदर में डूब गयी हो या उसे जंगली जानवरों ने खा लिया हो, परमेश्वर को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। (प्रकाशितवाक्य 20:13) वह सर्वशक्तिमान है, इसलिए वह बड़ी आसानी से उस इंसान के लिए एक नया शरीर तैयार कर सकता है।—1 कुरिंथियों 15:35, 38.