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ଅଧ୍ୟୟନ ଲେଖା ୩୭

“ଆମ୍ଭେ ସକଳ ଗୋଷ୍ଠୀଙ୍କୁ ହଲାଇବା”

“ଆମ୍ଭେ ସକଳ ଗୋଷ୍ଠୀଙ୍କୁ ହଲାଇବା”

“ଆମ୍ଭେ ସକଳ ଗୋଷ୍ଠୀଙ୍କୁ ହଲାଇବା, ଆଉ ସମସ୍ତ ଗୋଷ୍ଠୀର ବାଞ୍ଛନୀୟ ବିଷୟ ସକଳ ଆସିବ ।”—ହାଗ. ୨:୭.

ଗୀତ ୨୪ यहोवा के पर्वत पर आओ

ଲେଖାର ଝଲକ *

୧-୨. ଭବିଷ୍ୟଦ୍‌ବକ୍ତା ହାଗୟ କ’ଣ ଲେଖିଥିଲେ ?

सन्‌ 2015 में नेपाल में एक ज़बरदस्त भूकंप आया। इससे बचनेवाले एक व्यक्‍ति ने कहा, “कुछ ही मिनटों में कई दुकानें और पुरानी इमारतें गिर गयीं।” एक और व्यक्‍ति ने कहा, “चारों तरफ भगदड़ मच गयी। कई लोगों ने कहा कि भूकंप तो कुछ ही मिनटों का था, लेकिन मुझे ऐसा लगा कि यह खत्म ही नहीं हो रहा।” अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा दर्दनाक हादसा होता, तो आप शायद ही इसे भुला पाते।

लेकिन आज पूरी दुनिया एक अलग किस्म का झटका महसूस कर रही है। यहोवा कई सालों से सब राष्ट्रों को हिला रहा है। इस बारे में भविष्यवक्‍ता हाग्गै ने लिखा, “सेनाओं का परमेश्‍वर यहोवा कहता है, ‘मैं थोड़ी देर बाद, एक बार फिर आकाश और धरती और समुंदर और सूखी ज़मीन को हिलाऊँगा।’”​—हाग्गै 2:6.

୩. ଆମେ କାହିଁକି କହିପାରିବା ଯେ ହାଗୟ ପ୍ରକୃତରେ ଭୂମିକମ୍ପ କଥା କହି ନ ଥିଲେ ?

हाग्गै ने सचमुच के भूकंप की बात नहीं की, क्योंकि भूकंप से सिर्फ तबाही मचती है। इसके बजाय जब उसने कहा कि सब राष्ट्रों को हिलाया जाएगा, तो उससे अच्छी बातें होंगी। यहोवा ने कहा, “मैं सब राष्ट्रों को हिलाऊँगा और सब राष्ट्रों की अनमोल चीज़ें इस भवन में आएँगी और मैं इस भवन को महिमा से भर दूँगा।” (हाग्गै 2:7) हाग्गै की इस भविष्यवाणी का यहूदियों पर क्या असर हुआ? आज यह भविष्यवाणी कैसे पूरी हो रही है? इन सवालों के जवाब हम इस लेख में जानेंगे। हम यह भी जानेंगे कि राष्ट्रों को हिलाने के काम में हम किस तरह हिस्सा ले सकते हैं।

ହାଗୟଙ୍କ ବାର୍ତ୍ତା ସାହସ ଦିଏ

୪. ଯିହୋବା ହାଗୟଙ୍କୁ କେଉଁ କାମ ଦେଇଥିଲେ ?

ईसा पूर्व 537 में कुछ यहूदी बैबिलोन से रिहा होने के बाद यरूशलेम वापस आ गए। उनमें से एक शायद हाग्गै था। यरूशलेम पहुँचने के कुछ ही समय बाद, यहूदियों ने यहोवा के मंदिर की नींव डाली। (एज्रा 3:8, 10) बाद में आस-पास के देशों के लोगों ने उनका विरोध किया। इससे यहूदी डर गए और उन्होंने मंदिर बनाने का काम बंद कर दिया। (एज्रा 4:4; हाग्गै 1:1, 2) ईसा पूर्व 520 में यहोवा ने हाग्गै को एक ज़रूरी काम दिया। उसे यहूदियों का जोश बढ़ाना था, ताकि वे मंदिर बनाने का काम पूरा कर सकें। *​—एज्रा 6:14, 15.

୫. ହାଗୟଙ୍କ ବାର୍ତ୍ତାରୁ ଯିହୁଦୀମାନଙ୍କ ସାହସ କାହିଁକି ବଢ଼ିଥିବ ?

हाग्गै ने अपना संदेश सुनाकर यहूदियों का यहोवा पर विश्‍वास बढ़ाया। उसने हिम्मत के साथ यहूदियों से कहा, “यहोवा ऐलान करता है, ‘देश के सब लोगो, तुम हिम्मत रखो और काम करो।’ ‘क्योंकि मैं तुम्हारे साथ हूँ,’ सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा का यह ऐलान है।” (हाग्गै 2:4) ‘सेनाओं का परमेश्‍वर यहोवा,’ यह सुनकर यहूदियों को बहुत हिम्मत मिली होगी। इससे वे जान पाए कि स्वर्ग में यहोवा की एक बड़ी सेना है, जो स्वर्गदूतों से बनी है। और अगर वे यहोवा पर भरोसा करेंगे, तो वे अपने काम में ज़रूर कामयाब होंगे।

୬. ହାଗୟଙ୍କ ଭବିଷ୍ୟତବାଣୀ ଅନୁସାରେ, ଆଗକୁ କ’ଣ ହୁଏ ?

यहोवा ने हाग्गै के ज़रिए यह संदेश सुनाया कि वह सब राष्ट्रों को हिलाएगा। यानी वह बहुत जल्द विश्‍व शक्‍ति फारस को हिलानेवाला था, जिसने कई सारे राष्ट्रों को अपने कब्ज़े में कर रखा था। इससे क्या होता? परमेश्‍वर के लोग मंदिर बनाने का काम पूरा करते। इसके बाद उस मंदिर में उनके साथ-साथ दूसरे लोग भी यहोवा की उपासना करते। हाग्गै के संदेश से उन यहूदियों को कितनी हिम्मत मिली होगी!​—जक. 8:9.

ଦୁନିଆକୁ ହଲାଇଦେବା କାମ

क्या आप धरती को हिला देनेवाले काम में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं? (पैराग्राफ 7-8 देखें) *

୭. ଆଜି ଆମେ କେଉଁ କାମରେ ଯିହୋବାଙ୍କର ସହଯୋଗ ଦେଉଛୁ ?

क्या हाग्गै की भविष्यवाणी आज पूरी हो रही है? यहोवा एक बार फिर सब राष्ट्रों को हिला रहा है और इस बार इसमें हम भी साथ दे रहे हैं। यह हम कैसे कह सकते हैं? सन्‌ 1914 में यहोवा ने स्वर्ग में अपना राज स्थापित किया था और यीशु मसीह को उसका राजा ठहराया था। (भज. 2:6) यह खबर दुनिया के सभी नेताओं के लिए एक बुरी खबर थी, क्योंकि “राष्ट्रों के लिए तय किया गया वक्‍त” खत्म हो चुका था, यानी वह दौर जब यहोवा की तरफ से कोई इंसान राज नहीं कर रहा था। (लूका 21:24) खासकर 1919 से यहोवा के लोग यही प्रचार कर रहे हैं कि परमेश्‍वर का राज सभी इंसानों की दुख-तकलीफों को दूर करेगा। “राज की इस खुशखबरी” के प्रचार की वजह से पूरी दुनिया हिल रही है।​—मत्ती 24:14.

୮. ଗୀତସଂହିତା ୨:୧-୩ ପଦ ଅନୁସାରେ, ଅଧିକାଂଶ ରାଷ୍ଟ୍ର ବାର୍ତ୍ତା ଶୁଣି କ’ଣ କରନ୍ତି ?

यह खबर सुनकर लोग क्या करते हैं? ज़्यादातर इसे ठुकरा देते हैं। (भजन 2:1-3 पढ़िए।) कई राष्ट्र तो गुस्से में हैं। वे यीशु को अपना राजा मानने से इनकार करते हैं। वे यह नहीं मानते कि यह खबर, खुशी की खबर है। कुछ देशों की सरकारों ने तो प्रचार काम पर पूरी तरह रोक लगा दी है। कई शासक कहते हैं कि वे परमेश्‍वर को मानते हैं, लेकिन वे उसके राज का साथ देने के लिए तैयार नहीं हैं, क्योंकि वे अपना ओहदा या अधिकार नहीं छोड़ना चाहते। पहली सदी के शासकों की तरह, आज के शासक भी यीशु के चेलों को सताते हैं और इस तरह उसके खिलाफ खड़े होते हैं।​—प्रेषि. 4:25-28.

୯. ରାଷ୍ଟ୍ରଗୁଡ଼ିକର ମନୋଭାବ ଦେଖି ଯିହୋବା କ’ଣ କରିଛନ୍ତି ?

राष्ट्रों का रवैया देखकर यहोवा ने कहा है, “राजाओ, अंदरूनी समझ से काम लो, धरती के न्यायियो, शिक्षा कबूल करो। यहोवा का डर मानते हुए उसकी सेवा करो, उसका गहरा आदर करो और आनंद मनाओ। बेटे का सम्मान करो, वरना परमेश्‍वर का क्रोध भड़क उठेगा और तुम ज़िंदगी की राह से मिट जाओगे, क्योंकि उसका गुस्सा कभी-भी भड़क सकता है। सुखी हैं वे सब जो परमेश्‍वर की पनाह लेते हैं।” (भज. 2:10-12) यहोवा सभी विरोधियों को वक्‍त दे रहा है कि वे अपना मन बदलें और उसके राज का साथ दें। लेकिन यह वक्‍त खत्म होनेवाला है, क्योंकि हम इस दुनिया के “आखिरी दिनों” में जी रहे हैं। (2 तीमु. 3:1; यशा. 61:2) आज यह और ज़रूरी हो गया है कि लोग सच्चाई जानें और यहोवा की सेवा करने का फैसला करें।

ଏହି କାମର ଭଲ ପରିଣାମ

୧୦. ହାଗୟ ୨:୭-୯ ପଦ ଅନୁସାରେ, ରାଷ୍ଟ୍ରଗୁଡ଼ିକୁ ହଲାଇଲେ କ’ଣ ଭଲ ଜିନିଷ ହେବ ?

୧୦ जब यहोवा सब राष्ट्रों को हिलाता है, तब अच्छी चीज़ें भी होती हैं। हाग्गै ने भविष्यवाणी की थी कि “सब राष्ट्रों की अनमोल चीज़ें” या नेकदिल लोग यहोवा की उपासना करेंगे। * (हाग्गै 2:7-9 पढ़िए।) यशायाह और मीका ने भी भविष्यवाणी की थी कि “आखिरी दिनों में” कुछ ऐसा होगा।​—यशा. 2:2-4; मीका 4:1, 2.

୧୧. ଯେତେବେଳେ ଜଣେ ଭାଇ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ରାଜ୍ୟ ବିଷୟରେ ଶୁଣିଲା, ସେ କ’ଣ କଲା ?

୧୧ विश्‍व मुख्यालय में सेवा करनेवाले भाई कैन के उदाहरण पर ध्यान दीजिए। उन्हें आज भी अच्छी तरह याद है कि करीब 40 साल पहले, जब उन्होंने पहली बार परमेश्‍वर के राज के बारे में सुना, तो उन्हें कैसा लगा। भाई कहते हैं, “मैं यह जानकर बहुत खुश था कि हम इस दुनिया के आखिरी दिनों में जी रहे हैं। मैं समझ गया कि परमेश्‍वर को खुश करने के लिए और हमेशा की ज़िंदगी जीने के लिए मुझे इस दुनिया से नाता तोड़ना होगा, जो बहुत जल्द खत्म होनेवाली है और यहोवा का पक्ष लेना होगा। मैंने इस बारे में प्रार्थना की और फौरन इस दुनिया से नाता तोड़ लिया और परमेश्‍वर के राज का साथ दिया, जिसे कभी नहीं हिलाया जाएगा।”

୧୨. ଏହି ଶେଷ ଦିନରେ ଯିହୋବାଙ୍କ ମହିମା କିପରି ହେଉଛି ?

୧୨ हमारे प्रचार काम पर यहोवा आशीष दे रहा है। इन आखिरी दिनों में बहुत-से लोग यहोवा की उपासना करने लगे हैं। सन्‌ 1914 में सिर्फ कुछ ही लोग यहोवा की उपासना करते थे। लेकिन अब उनकी गिनती 80 लाख से भी ज़्यादा हो गयी है और हर साल लाखों लोग हमारे साथ मिलकर यीशु की मौत का स्मारक मनाते हैं। इस तरह यहोवा के लाक्षणिक मंदिर के आँगन ‘सब राष्ट्रों की अनमोल चीज़ों’ से भर रहे हैं यानी शुद्ध उपासना के लिए यहोवा ने जो इंतज़ाम किया है, नेकदिल लोग उसका साथ दे रहे हैं। जब ये लोग अपनी ज़िंदगी में बदलाव करते हैं, तो इससे भी यहोवा के नाम की महिमा होती है।​—इफि. 4:22-24.

दुनिया-भर में यहोवा के लोग खुशी-खुशी उसके राज का प्रचार करते हैं (पैराग्राफ 13 देखें)

୧୩. ଆଜି ଆଉ କେଉଁ ଭବିଷ୍ୟତବାଣୀଗୁଡ଼ିକ ପୂରଣ ହେଉଛି ? (ବାହାରେ ଥିବା ଚିତ୍ର ଦେଖନ୍ତୁ ।)

୧୩ हाग्गै की भविष्यवाणी के साथ-साथ दूसरी और भी भविष्यवाणियाँ पूरी हो रही हैं। जैसे यशायाह 60:22 में लिखा है, “थोड़े-से-थोड़ा, एक हज़ार हो जाएगा और छोटे-से-छोटा, ताकतवर राष्ट्र बन जाएगा। मैं यहोवा, ठीक समय पर इस काम में तेज़ी लाऊँगा।” इस भविष्यवाणी से पता चलता है कि यहोवा की उपासना करनेवालों की तादाद कितनी होगी। इन लोगों में प्रचार करने की इच्छा है और अलग-अलग खूबियाँ हैं। यशायाह ने उन खूबियों को “राष्ट्रों का दूध” कहा। (यशा. 60:5, 16) इनकी इन खूबियों और इच्छा की वजह से 240 से भी ज़्यादा देशों में परमेश्‍वर के राज का प्रचार हो रहा है और 1,000 से भी ज़्यादा भाषाओं में किताबें-पत्रिकाएँ प्रकाशित की जा रही हैं।

ନିଷ୍ପତ୍ତିର ସମୟ

୧୪. ଆଜି ଲୋକମାନଙ୍କୁ କେଉଁ ନିଷ୍ପତ୍ତି ନେବାର ଅଛି ?

୧୪ सब राष्ट्रों के हिलाए जाने की वजह से आज सभी लोगों को एक फैसला लेना है। वह फैसला है कि क्या वे परमेश्‍वर के राज का साथ देंगे या इस दुनिया की सरकारों का। यहोवा के लोग फैसला कर चुके हैं कि वे उसके राज का साथ देंगे। इसलिए हालाँकि वे अपने देश का कानून मानते हैं, लेकिन दुनिया की राजनीति में बिलकुल हिस्सा नहीं लेते। (रोमि. 13:1-7) वे जानते हैं कि परमेश्‍वर का राज ही लोगों की समस्याओं का हल करेगा और वह राज इस दुनिया का भाग नहीं है।​—यूह. 18:36, 37.

୧୫. ଯିହୋବାଙ୍କ ଲୋକଙ୍କର ବିଶ୍ବସ୍ତତା କିପରି ପରୀକ୍ଷା କରାଯିବ ?

୧୫ प्रकाशितवाक्य में लिखा है कि आखिरी दिनों में यहोवा के लोगों की वफादारी परखी जाएगी। दुनिया की सरकारें ज़ोर डालेंगी कि सिर्फ उनकी भक्‍ति की जाए और जो लोग ऐसा नहीं करेंगे, उनका कड़ा विरोध होगा और उन्हें सताया जाएगा। (प्रका. 13:12, 15) ये सरकारें ‘छोटे-बड़े, अमीर-गरीब, आज़ाद-गुलाम सभी लोगों के साथ ज़बरदस्ती करेंगी कि उनके दाएँ हाथ पर या माथे पर एक निशान लगाया जाए।’ (प्रका. 13:16) पुराने ज़माने में गुलामों पर निशान लगाया जाता था, जिससे पता चलता था कि उनका मालिक कौन है। उसी तरह, सभी लोगों से उम्मीद की जाएगी कि वे अपने हाथ या माथे पर निशान लगाएँ, यानी वे अपने विचारों और कामों से दिखाएँ कि वे सरकारों का साथ देते हैं।

୧୬. ଆଜି ଆମେ କାହିଁକି ଯିହୋବାଙ୍କ ବିଶ୍ବସ୍ତ ରହିବା ଉଚିତ୍‌ ?

୧୬ क्या हम वह निशान लगाएँगे और दुनिया की सरकारों का साथ देंगे? जो लोग ऐसा नहीं करेंगे, उन्हें कई मुश्‍किलों का सामना करना पड़ेगा। यहाँ तक कि उनकी जान खतरे में होगी। प्रकाशितवाक्य में लिखा है, ‘जिस किसी पर यह निशान नहीं होगा, वह न तो खरीद सकेगा, न ही बेच सकेगा।’ (प्रका. 13:17) लेकिन परमेश्‍वर के लोग जानते हैं कि जिन लोगों पर यह निशान होगा, यहोवा उनके साथ क्या करेगा। (प्रका. 14:9, 10) इसलिए वह निशान लगाने के बजाय वे अपने हाथ पर लिखेंगे, “मैं यहोवा का हूँ।” (यशा. 44:5) यही वक्‍त है कि हम यहोवा पर अपना विश्‍वास मज़बूत करें, ताकि हम उसके वफादार रहें। अगर हम वफादार रहेंगे, तो यहोवा खुशी-खुशी कहेगा कि हम उसके हैं।

ଶେଷ ଧୋକା

୧୭. ଯିହୋବାଙ୍କ ଧୈର୍ଯ୍ୟ ଧରିବାର ସମୟ ଶେଷ ହେଲେ କ’ଣ ହେବ ?

୧୭ यहोवा नहीं चाहता कि किसी का भी नाश हो, इसलिए वह बहुत सब्र रख रहा है। (2 पत. 3:9) वह सभी को पश्‍चाताप करने और उसकी उपासना करने का मौका दे रहा है। लेकिन उसकी सब्र की एक सीमा है। जो लोग यह मौका गवाँ देंगे, उनका वही हाल होगा जो फिरौन का हुआ था। यहोवा ने फिरौन से कहा था, “मैं चाहता तो अपना हाथ बढ़ाकर तुझ पर और तेरे लोगों पर कोई महामारी लाता और अब तक धरती से तेरा नामो-निशान मिटा चुका होता। मगर मैंने तुझे इसलिए ज़िंदा रहने दिया है ताकि तुझे अपनी शक्‍ति दिखा सकूँ और पूरी धरती पर अपने नाम का ऐलान करा सकूँ।” (निर्ग. 9:15, 16) बहुत जल्द सब राष्ट्र जान जाएँगे कि यहोवा ही सच्चा परमेश्‍वर है। (यहे. 38:23) आइए देखें कैसे।

୧୮. (କ) ହାଗୟ ୨:୨୦-୨୨ ପଦର ଭବିଷ୍ୟତବାଣୀର ଅର୍ଥ କ’ଣ ? (ଖ) ଆମେ କିପରି ଜାଣୁ ଯେ ଏ କଥା ଭବିଷ୍ୟତରେ ପୂରା ହେବ ?

୧୮ हाग्गै 2:6, 20-22 पढ़िए। सालों बाद प्रेषित पौलुस ने बताया कि यह बात भविष्य में पूरी होगी। उसने लिखा, “गुज़रे वक्‍त में तो उसकी आवाज़ से धरती काँप उठी थी, मगर अब उसने यह वादा किया है: ‘मैं एक बार फिर न सिर्फ धरती को बल्कि आकाश को भी हिलाऊँगा।’ ‘एक बार फिर’ इन शब्दों से पता चलता है कि हिलायी जानेवाली चीज़ें नाश हो जाएँगी यानी वे चीज़ें नाश हो जाएँगी जो परमेश्‍वर ने नहीं बनायीं ताकि वे चीज़ें हमेशा तक बनी रहें जिन्हें हिलाया नहीं जाता।” (इब्रा. 12:26, 27) हाग्गै 2:20-22 में जिस हिलाने की बात की गयी है, वह हाग्गै 2:7 से अलग है। इन आयतों के मुताबिक जो लोग फिरौन की तरह यहोवा का अधिकार मानने से इनकार करते हैं, उन्हें हमेशा के लिए नाश कर दिया जाएगा।

୧୯. କେଉଁ ଜିନିଷକୁ ହଲା ଯିବ ନାହିଁ ?

୧୯ किस चीज़ को नहीं हिलाया जाएगा? पौलुस ने यह भी कहा, “तो यह जानते हुए कि हमें ऐसा राज मिलनेवाला है जिसे हिलाया नहीं जा सकता, आओ हम परमेश्‍वर की महा-कृपा पाते रहें, जिसके ज़रिए हम परमेश्‍वर का डर मानते हुए और उसके लिए श्रद्धा रखते हुए उसकी पवित्र सेवा करते रहें जो उसे स्वीकार हो।” (इब्रा. 12:28) जब यह दुनिया नाश हो जाएगी, तब सिर्फ परमेश्‍वर का राज रहेगा। वह अपनी जगह से कभी नहीं हिलेगा!​—भज. 110:5, 6; दानि. 2:44.

୨୦. (କ) ଲୋକମାନଙ୍କୁ କ’ଣ ନିଷ୍ପତ୍ତି ନେବାର ଅଛି ? (ଖ) ଏଥିପାଇଁ ଆମେ ତାଙ୍କୁ କିପରି ସାହାଯ୍ୟ କରିପାରିବା ?

୨୦ अब ज़्यादा वक्‍त नहीं रह गया है। लोगों को फैसला करना है। अगर वे इस दुनिया का साथ देंगे, तो नाश हो जाएँगे। लेकिन अगर वे यहोवा की सेवा करने का फैसला करेंगे और अपनी ज़िंदगी में बदलाव करेंगे, तो उन्हें हमेशा की ज़िंदगी मिलेगी। (इब्रा. 12:25) लोगों को प्रचार करके हम उनकी मदद कर सकते हैं, ताकि वे सही फैसला करें। इसलिए आइए हम प्रचार करते रहें और यीशु की यह बात याद रखें, “राज की इस खुशखबरी का सारे जगत में प्रचार किया जाएगा ताकि सब राष्ट्रों को गवाही दी जाए और इसके बाद अंत आ जाएगा।”​—मत्ती 24:14.

ଗୀତ ୪୦ हम किसके हैं?

^ ଅନୁ. 5 इस लेख में हम हाग्गै 2:7 की भविष्यवाणी पर चर्चा करेंगे। इस आयत की जो समझ थी, उसमें थोड़ी फेरबदल हुई है। हम जानेंगे कि हम किस तरह उस काम में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले सकते हैं, जो सब राष्ट्रों को हिला रहा है। हम यह भी सीखेंगे कि यह काम क्यों कुछ लोगों को अच्छा लगता है और कुछ लोगों को नहीं।

^ ଅନୁ. 4 हाग्गै ने अपना काम अच्छे-से किया, क्योंकि ईसा पूर्व 515 में यहूदियों ने मंदिर बनाने का काम पूरा कर दिया।

^ ଅନୁ. 10 पहले हम कहते थे कि सब राष्ट्रों के हिलाए जाने की वजह से लोग यहोवा की तरफ नहीं आते थे। (15 मई, 2006 की प्रहरीदुर्ग  में “पाठकों के प्रश्‍न” पढ़ें।) लेकिन अब इस समझ में फेरबदल है।

[फुटनोट]

^ ଅନୁ. 63 तसवीर के बारे में: हाग्गै ने परमेश्‍वर के लोगों का जोश बढ़ाया, ताकि वे मंदिर बनाने का काम पूरा कर सकें। नए ज़माने में परमेश्‍वर के लोगों ने पूरे जोश के साथ राज का संदेश सुनाया। एक पति-पत्नी प्रचार रहे हैं कि बहुत जल्द परमेश्‍वर इस दुनिया को नाश करनेवाला है।