अध्ययन लेख 15
गीत 124 हम निभाएँगे वफा
यहोवा जे संगठन ते पंहिंजो भरोसो वधाईंदा रहो
“जो तुम्हारे बीच अगुवाई करते हैं और जिन्होंने तुम्हें परमेश्वर का वचन सुनाया है, उन्हें याद रखो।”—इब्रा. 13:7.
क्या सीखेंगे?
हम यहोवा के संगठन पर अपना भरोसा बढ़ाने के लिए क्या कर सकते हैं?
1. यहोवा जा माण्हू पहिरीं सदी में कीअं व्यवस्थित तरीके सां कम कंदा हुआ?
यहोवा जब भी अपने लोगों को कोई काम देता है, तो चाहता है कि वह काम अच्छी तरह और कायदे से किया जाए। (1 कुरिं. 14:33) जैसे, परमेश्वर की इच्छा है कि पूरी दुनिया में खुशखबरी का प्रचार किया जाए। (मत्ती 24:14) उसने इस काम की ज़िम्मेदारी यीशु को सौंपी है। और यीशु ने इस बात का ध्यान रखा है कि यह काम अच्छे-से और व्यवस्थित तरीके से किया जाए। पहली सदी में, यरूशलेम में प्रेषितों और प्राचीनों का एक समूह था जो ज़रूरी फैसले लेता था। फिर यह फैसले मंडलियों तक पहुँचाए जाते थे। (प्रेषि. 15:2; 16:4) मंडलियों में ठहराए गए प्राचीन इन फैसलों के बारे में भाई-बहनों को बताते थे और उन्हें हिदायतें देते थे। (प्रेषि. 14:23) और भाई-बहन उन बातों को मानते थे, इसलिए ‘मंडलियों का विश्वास मज़बूत होता गया और उनकी तादाद बढ़ती गयी।’—प्रेषि. 16:5.
2. 1919 खां यहोवा कीअं पंहिंजनि माण्हुनि खे निर्देश ऐं सुठी खुराक ॾेई रहियो आहे?
2 आज भी यहोवा ने इस बात का ध्यान रखा है कि उसके लोग व्यवस्थित तरीके से काम करें। 1919 में यीशु ने अभिषिक्त मसीहियों के एक छोटे समूह को नियुक्त किया। तब से यह समूह प्रचार काम को व्यवस्थित तरीके से करने में अगुवाई कर रहा है और सही वक्त पर परमेश्वर के वचन से अच्छी खुराक दे रहा है। a (लूका 12:42) इसमें कोई शक नहीं कि यहोवा इस समूह के कामों पर आशीष दे रहा है।—यशा. 60:22; 65:13, 14.
3-4. (क) यवस्थित तरीके सां कम करण सां कहिड़ो फायदो थींदो आहे? उदाहरण ॾेई समझायो. (ख) हिन लेख में असां छा चर्चा कंदासीं?
3 व्यवस्थित होने से हम प्रचार काम अच्छी तरह कर पाते हैं जो यीशु ने हमें सौंपा है। (मत्ती 28:19, 20) मान लीजिए, हमें प्रचार करने के लिए कोई इलाका नहीं दिया जाता और हम जहाँ चाहें प्रचार कर सकते थे। तो ऐसे में क्या होता? शायद कुछ इलाकों में बार-बार प्रचार किया जाता और कुछ इलाके छूट जाते। सच में, व्यवस्थित तरीके से काम करने का कितना फायदा हुआ है! क्या आप कुछ और फायदों के बारे में सोच सकते हैं?
4 यीशु ने अपने चेलों को सिखाया था कि वे कैसे व्यवस्थित तरीके से काम कर सकते हैं और आज संगठन में उसी तरह से काम किया जा रहा है। इस लेख में हम जानेंगे कि यहोवा का संगठन कैसे उसी तरह काम कर रहा है जैसे यीशु ने किया था। हम यह भी चर्चा करेंगे कि हम कैसे दिखा सकते हैं कि हमें यहोवा के संगठन पर पूरा भरोसा है।
असांजो संगठन यीशु जे उदाहरण ते हलंदो आहे
5. यीशु वांगुर ही अॼु यहोवा जो संगठन छा कंदो आहे? (यूहन्ना 8:28)
5 यीशु ने जो भी किया और जो भी कहा, वह उसने अपने पिता यहोवा से सीखा था। उसी तरह यहोवा का संगठन आज जो भी सिखाता है, जो भी निर्देश देता है, वह परमेश्वर के वचन बाइबल से होता है। (यूहन्ना 8:28 पढ़िए; 2 तीमु. 3:16, 17) और हमें भी बार-बार यही बढ़ावा दिया जाता है कि हम परमेश्वर का वचन पढ़ें और उसमें दी बातों को मानें। ऐसा करने से हमें क्या फायदा होता है?
6. बाइबल जो अध्ययन करण सां असां खे कहिड़ो फायदो थींदो?
6 जब हम प्रकाशनों की मदद से बाइबल का अध्ययन करते हैं, तो हमें बहुत फायदा होता है। जैसे, जब भी हमें यहोवा के संगठन से कोई निर्देश या हिदायत मिलती है, तो प्रकाशनों का अध्ययन करने से हम समझ पाते हैं कि वह निर्देश बाइबल से है। और इससे संगठन पर हमारा भरोसा और बढ़ जाता है।—रोमि. 12:2.
7. यीशु कहिड़ो संदेश ॾिनो? ऐं अॼु यहोवा जो संगठन कीअं हुन जे उदाहरण ते हले थो?
7 यीशु ने “परमेश्वर के राज की खुशखबरी” सुनायी थी। (लूका 4:43, 44) उसने अपने चेलों को भी आज्ञा दी थी कि वे भी राज का प्रचार करें। (लूका 9:1, 2; 10:8, 9) आज परमेश्वर के संगठन में सभी लोग राज की खुशखबरी सुनाते हैं, फिर चाहे वे जहाँ भी रहते हों या जो भी ज़िम्मेदारी सँभालते हों।
8. असां खे कहिड़ो सम्मान मिलियो आहे?
8 यह हमारे लिए कितने सम्मान की बात है कि हम परमेश्वर के राज के बारे में दूसरों को बताते हैं! यह मौका हर किसी को नहीं मिलता। याद कीजिए, जब यीशु धरती पर था, तो उसने दुष्ट स्वर्गदूतों को उसके बारे में गवाही नहीं देने दी। (लूका 4:41) आज अगर कोई परमेश्वर के लोगों के साथ प्रचार करना चाहता है, तो सबसे पहले उसे परमेश्वर की मरज़ी के मुताबिक ज़िंदगी जीनी होगी। हम कैसे दिखा सकते हैं कि हमें प्रचार करने का जो सम्मान मिला है, हम उसकी बहुत कदर करते हैं? हमें जब भी मौका मिलेगा और जहाँ भी मौका मिलेगा, हम लोगों को खुशखबरी सुनाएँगे। यीशु की तरह हम भी लोगों के दिल में सच्चाई का बीज बोना चाहते हैं और उसे सींचना चाहते हैं।—मत्ती 13:3, 23; 1 कुरिं. 3:6.
9. संगठन माण्हुनि खे परमेश्वर जो नालो ॿुधाइण लाइ छा कयो आहे?
9 यीशु ने लोगों को परमेश्वर का नाम बताया। अपने पिता से प्रार्थना करते वक्त उसने कहा, “मैंने तेरा नाम उन्हें बताया है।” (यूह. 17:26) यीशु की तरह यहोवा का संगठन भी परमेश्वर का नाम दूसरों को बताने की पूरी-पूरी कोशिश करता है। जैसे, पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद बाइबल में यहोवा का नाम उन सभी जगहों पर वापस डाला गया है जहाँ इसे होना चाहिए। आज नयी दुनिया अनुवाद बाइबल या इसकी कुछ किताबें 270 से भी ज़्यादा भाषाओं में उपलब्ध हैं। इस बाइबल के अतिरिक्त लेख “क4” और “क5” में बताया गया है कि परमेश्वर का नाम वापस उन जगहों पर क्यों डाला गया है जहाँ यह होना चाहिए। अँग्रेज़ी की अध्ययन बाइबल के अतिरिक्त लेख “ग” में इस बात के ढेरों सबूत दिए गए हैं कि मसीही यूनानी शास्त्र में परमेश्वर का नाम 237 जगहों पर क्यों आना चाहिए।
10. म्यांमार में रहंदड़ औरत जेको चयो उन मां तव्हां छा सिखियो?
10 यीशु की तरह हम भी ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों को परमेश्वर के नाम के बारे में बताना चाहते हैं। म्यांमार में 67 साल की एक औरत ने जब परमेश्वर का नाम सुना, तो उसकी आँखों में आँसू आ गए। उसने कहा, “मैंने ज़िंदगी में पहली बार यह सुना कि परमेश्वर का नाम यहोवा है। . . . सच में, आपने मुझे सबसे ज़रूरी बात सिखायी है।” इस अनुभव से पता चलता है कि जब अच्छा मन रखनेवाले लोग परमेश्वर का नाम सुनते हैं, तो उन पर इसका ज़बरदस्त असर होता है।
संगठन ते भरोसो कंदा रहो
11. प्राचीन कीअं ॾेखारींदा आहिनि त उन्हनि खे यहोवा जे संगठन ते पूरो भरोसो आहे? (तसवीर बि ॾिसो.)
11 प्राचीन कैसे दिखा सकते हैं कि उन्हें परमेश्वर के संगठन पर पूरा भरोसा है? एक तरीका है, जब संगठन उन्हें कोई निर्देश भेजता है, तो वे उसे ध्यान से पढ़ते हैं और उसके मुताबिक काम करने की पूरी कोशिश करते हैं। मिसाल के लिए, प्राचीनों को यह तो बताया जाता है कि सभाओं के भाग कैसे पेश किए जाने हैं और मंडली की तरफ से प्रार्थना कैसे की जानी है, लेकिन साथ ही उन्हें यह भी बताया जाता है कि वे मसीह की भेड़ों का खयाल कैसे रख सकते हैं। जब प्राचीन संगठन से मिलनेवाले निर्देश मानते हैं, तो भाई-बहन यहोवा का प्यार महसूस कर पाते हैं और खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं।
12. (क) जेके असां जी अॻुवाई कंदा आहिनि, असां खे उन्हनि जो साथ छो ॾियण घुरिजे? (इब्रानियों 13:7, 17) (ख) असां खे अॻुवाई करण वारन भाउरनि जे खूबियुनि ते ध्यान छो ॾियण घुरिजे?
12 जब हमें प्राचीनों से निर्देश मिलते हैं, तो हमें उन्हें खुशी-खुशी मानना चाहिए। अगर हम ऐसा करें, तो वे अपनी ज़िम्मेदारी आसानी से और अच्छी तरह निभा पाएँगे। बाइबल में हमसे कहा गया है कि हमारे बीच जो अगुवाई करते हैं, हम उनकी आज्ञा मानें और उनके अधीन रहें। (इब्रानियों 13:7, 17 पढ़िए।) लेकिन कभी-कभी हमारे लिए ऐसा करना मुश्किल हो सकता है। क्यों? क्योंकि प्राचीन हमारी तरह गलतियाँ करते हैं और उनमें भी कमियाँ होती हैं। अगर हम उनकी अच्छाइयों पर ध्यान देने के बजाय उनकी कमियों पर ध्यान दें, तो उनकी बात मानना हमें मुश्किल लगेगा। और यह ऐसा होगा मानो हम अपने दुश्मनों की मदद कर रहे हैं। वह कैसे? क्योंकि अगर हम प्राचीनों की कमियों पर ही ध्यान देते रहें, तो शायद हमें संगठन में भी बुराइयाँ नज़र आने लगें और ऐसे में धीरे-धीरे संगठन पर से हमारा भरोसा उठ सकता है। और हमारे दुश्मन यही तो चाहते हैं! तो हम कैसे अपने दुश्मनों की चालों को पहचान सकते हैं और उनकी झूठी बातों को ठुकरा सकते हैं?
ॿियनि जे करे यहोवा जे संगठन ते पंहिंजो भरोसो न घटायो
13. विरोधी कीअं असां जे संगठन खे बदनाम कंदा आहिनि?
13 हमारे विरोधी हमारे संगठन की अच्छी बातों को गलत बताते हैं। बाइबल में बताया है कि यहोवा अपने सेवकों से उम्मीद करता है कि वे साफ-सुथरे रहें, अपना चालचलन शुद्ध रखें और उस तरीके से यहोवा की उपासना करें जो उसे मंज़ूर हो। बाइबल में यह भी बताया है कि जो व्यक्ति बुरे काम करता रहता है और पश्चाताप नहीं करता, उसे मंडली से निकाल दिया जाए। (1 कुरिं. 5:11-13; 6:9, 10) हम बाइबल की इन सारी बातों को मानते हैं। पर इस वजह से हमारे विरोधी हम पर इलज़ाम लगाते हैं कि हमारी सोच बहुत छोटी है, हम दूसरों के बारे में गलत राय रखते हैं और हम लोगों से प्यार नहीं करते।
14. संगठन जे बारे में कूड़ियूं ॻाल्हियूं फैलाइण वारो असल में केर आहे?
14 पहचानिए कि असली दुश्मन कौन है। शैतान तरह-तरह की झूठी बातें फैलाता है। बाइबल में उसे “झूठ का पिता” कहा गया है। (यूह. 8:44; उत्प. 3:1-5) इसलिए हमें हैरानी नहीं होती कि शैतान अपने लोगों के ज़रिए यहोवा के संगठन के बारे में झूठी बातें या अफवाहें फैलाता है। उसने ऐसा पहली सदी में भी किया था।
15. धर्म गुरुनि कीअं यीशु ऐं हुन जे चेलनि जे बारे में कूड़ियूं ॻाल्हियूं फैलायूं?
15 पहली सदी में शैतान ने अपने लोगों के ज़रिए परमेश्वर के बेटे के बारे में एक-के-बाद-एक कई झूठ फैलाए। यीशु परिपूर्ण था और उसने परमेश्वर की ताकत से कई बड़े-बड़े चमत्कार किए थे। लेकिन धर्म गुरुओं ने उसके बारे में यह झूठ फैलाया कि वह “दुष्ट स्वर्गदूतों के राजा” की मदद से लोगों में समाए दुष्ट स्वर्गदूत निकालता है। (मर. 3:22) जब यीशु पर मुकदमा चल रहा था, तो धर्म गुरुओं ने उस पर परमेश्वर की निंदा करने का इलज़ाम लगाया और भीड़ को यह कहने के लिए उकसाया कि यीशु को मार डाला जाए। (मत्ती 27:20) आगे चलकर जब यीशु के चेलों ने खुशखबरी का प्रचार किया, तो विरोधियों ने “गैर-यहूदियों को भड़काया और भाइयों के खिलाफ उनके मन में कड़वाहट भर दी” ताकि वे लोग उन पर ज़ुल्म करें। (प्रेषि. 14:2, 19) इस बारे में 1 दिसंबर, 1998 की प्रहरीदुर्ग में यह बताया गया था, ‘यहूदी विरोधियों ने खुद तो संदेश को ठुकराया ही, मगर इतने पर भी उनका जी नहीं भरा। वे मसीहियों के खिलाफ गैर-यहूदियों को भड़काने के लिए साज़िशें करने लगे।’
16. अगर असां संगठन या भाउरनि जे बारे में कूड़ियूं ॻाल्हियूं ॿुधऊं था, त असां खे छा याद रखण घुरिजे?
16 शैतान आज भी झूठी बातें फैला रहा है। बाइबल में लिखा है कि वह “सारे जगत को गुमराह करता है।” (प्रका. 12:9) इसलिए अगर आप संगठन या अगुवाई करनेवाले भाइयों के बारे में कोई बुरी बात सुनते हैं, तो याद रखिए कि पहली सदी में भी विरोधियों ने यीशु और उसके चेलों के बारे में झूठी बातें फैलायी थीं। और बाइबल में पहले से बताया गया था कि यहोवा के लोगों पर ज़ुल्म किए जाएँगे और उनके बारे में तरह-तरह की झूठी और बुरी बातें फैलायी जाएँगी। (मत्ती 5:11, 12) अगर हम इन झूठी कहानियों और बातों से गुमराह नहीं होना चाहते, तो हमें याद रखना होगा कि हमारा असली दुश्मन कौन है और तुरंत कदम उठाना होगा। हमें क्या कदम उठाना होगा?
17. अगर असां कूड़ियुनि कहाणियुनि खां बचण चाहियूं था, त असां खे छा करण घुरिजे? (2 तीमुथियुस 1:13) (“ जब झूठी कहानियाँ सुनें, तो क्या करें?” नाले जो बक्स बि ॾिसो.)
17 झूठी कहानियों को ठुकराइए। प्रेषित पौलुस ने साफ बताया था कि जब हम झूठी कहानियाँ सुनते हैं, तो हमें क्या करना चाहिए। उसने तीमुथियुस से कहा कि वह कुछ लोगों को ‘आज्ञा दे कि वे झूठी कहानियों पर ध्यान न दें’ और “परमेश्वर की निंदा करनेवाली झूठी कथा-कहानियों को ठुकरा” दें। (1 तीमु. 1:3, 4; 4:7) ज़रा इस बारे में सोचिए। बच्चे बड़े नादान होते हैं, इसलिए वे ज़मीन पर पड़ी कोई भी चीज़ अपने मुँह में डाल लेते हैं। लेकिन एक बड़ा या समझदार इंसान ऐसा कभी नहीं करता, क्योंकि वह जानता है कि यह खतरनाक हो सकता है। हम भी जानते हैं कि झूठी शिक्षाएँ बहुत खतरनाक हैं और इनके पीछे किसका हाथ है, इसलिए हम इन्हें ठुकराते हैं और “खरी” यानी सच्ची शिक्षाओं को थामे रहते हैं।—2 तीमुथियुस 1:13 पढ़िए।
18. असां कीअं ॾेखारे सघूं था त असां खे यहोवा जे संगठन ते पूरो भरोसो आहे?
18 इस लेख में हमने सिर्फ तीन बातों पर ध्यान दिया कि कैसे हमारा संगठन वही करता है जो यीशु ने किया था। लेकिन ऐसी और भी बातें हैं। इसलिए बाइबल का अध्ययन करते वक्त उन बातों पर ध्यान दीजिए। इसके अलावा मंडली के भाई-बहनों की मदद कीजिए और यहोवा के संगठन पर उनका भरोसा बढ़ाइए। यहोवा के वफादार रहिए और उसके संगठन का साथ दीजिए। इस तरह दिखाइए कि आपको संगठन पर पूरा भरोसा है, जिसके ज़रिए यहोवा अपनी मरज़ी पूरी कर रहा है। (भज. 37:28) आइए हम हमेशा इस बात के लिए एहसानमंद रहें कि हम यहोवा के लोगों के साथ मिलकर उसकी सेवा कर रहे हैं और हम सब उससे प्यार करते हैं और उसके वफादार रहते हैं।
तव्हां जो जवाब छा थींदो?
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असां कीअं चई सघूं था त असां जो संगठन यीशु जे उदाहरण ते हलंदो आहे?
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असां हमेशा कीअं ॾेखारे सघूं था त असां खे यहोवा जे संगठन ते पूरो भरोसो आहे?
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जॾहिं असां कोई कूड़ी कहाणी ॿुधंदा आहियूं, त असां छा याद रखे सघूं था?
गीत 103 “आदमियों के रूप में तोहफे”
a सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल! किताब के पेज 102-103 पर दिया बक्स “1919 ही क्यों?” पढ़ें।
b तसवीर के बारे में: प्राचीन सरेआम गवाही देने के बारे में संगठन से मिली हिदायतों पर चर्चा कर रहे हैं। फिर एक समूह निगरान प्रचारकों को बता रहा है कि कार्ट लगाकर गवाही देते वक्त उन्हें दीवार की तरफ पीठ करके खड़ा होना चाहिए।