इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

अध्ययन लेख 22

‘पवित्र मार्ग’ ते हलंदा रहो

‘पवित्र मार्ग’ ते हलंदा रहो

“एक राजमार्ग तैयार किया जाएगा, . . . जो पवित्र मार्ग कहलाएगा।”​—यशा. 35:8.

गीत 31 चल याह के साथ!

एक झलक a

1-2. बैबिलोन में रहंदण यहूदियुनि खे कहिड़ो ज़रूरी फैसलो करणो हो? (एज्रा 1:2-4)

 बैबिलोन में एक फरमान जारी किया गया है। यहूदी अपने वतन इसराएल वापस जा सकते हैं! वे 70 साल से बैबिलोन की बँधुआई में थे, पर अब वे आज़ाद हैं। (एज्रा 1:2-4 पढ़िए।) यह यहोवा की वजह से ही हो पाया। ऐसा हम क्यों कह सकते हैं? क्योंकि बैबिलोन आम तौर पर अपने बंदियों को रिहा नहीं करता था। (यशा. 14:4, 17) लेकिन अब बैबिलोन का तख्ता पलट गया है। अब वहाँ जो राजा बना है, उसने यहूदियों से कहा है कि वे बैबिलोन छोड़कर जा सकते हैं। इसलिए अब हरेक यहूदी को, खासकर परिवार के मुखियाओं को एक अहम फैसला लेना है: क्या उनका परिवार बैबिलोन छोड़कर इसराएल जाएगा या वहीं रहेगा? लेकिन यह फैसला लेना शायद इतना आसान नहीं रहा होगा। ऐसा क्यों?

2 कई यहूदियों की उम्र ढल चुकी थी। इस वजह से उनके लिए इतना लंबा सफर करना बहुत मुश्‍किल होता। इसके अलावा, ज़्यादातर यहूदी बैबिलोन में ही पैदा हुए थे। उन्हें लगता था कि उनका सबकुछ वहीं है, इसराएल तो उनके पुरखाओं का देश है। और ऐसा मालूम होता है कि कुछ यहूदी वहाँ बहुत अमीर हो गए थे और चैन से जी रहे थे। इसलिए शायद उनके मन में चल रहा होगा कि वहाँ की अच्छी-खासी ज़िंदगी और फलता-फूलता कारोबार छोड़कर एक अनजान देश में जाकर बसना क्या समझदारी होगी।

3. वापस इसराएल वञण वारनि वफादार यहूदियुनि खे कहिड़ी आशीष मिलण वारी हुई?

3 जो यहूदी यहोवा के वफादार थे, वे जानते थे कि यह सफर तय करने के लिए उन्हें त्याग करने पड़ेंगे। पर वे यह भी जानते थे कि ये त्याग उन आशीषों के आगे कुछ भी नहीं जो इसराएल लौटने से उन्हें मिलतीं। सबसे बड़ी आशीष तो यह होती कि अब वे अच्छे-से यहोवा की उपासना कर पाते। बैबिलोन शहर में झूठे देवी-देवताओं के 50 से भी ज़्यादा मंदिर थे। पर वहाँ यहोवा का कोई मंदिर नहीं था, ना ही कोई वेदी थी जिस पर वे मूसा के कानून के हिसाब से बलिदान चढ़ा सकते थे। और उन बलिदानों को चढ़ाने के लिए वहाँ याजकों का भी कोई इंतज़ाम नहीं था। इसके अलावा वे ऐसे लोगों से घिरे हुए थे जो झूठे देवी-देवताओं की उपासना करते थे और जिन्हें यहोवा के स्तरों की ज़रा भी परवाह नहीं थी। उन लोगों की गिनती यहूदियों से कहीं ज़्यादा थी। इस सबकी वजह से हज़ारों वफादार यहूदी अपने देश लौटने के लिए बेताब थे जहाँ वे दोबारा शुद्ध उपासना कर पाते।

4. वापस इसराएल वञण वारनि यहूदियुनि सां यहोवा कहिड़ो वादो कयो?

4 बैबिलोन से इसराएल तक का सफर काफी मुश्‍किलों-भरा था, जिसे तय करने में करीब चार महीने लग सकते थे। लेकिन यहोवा ने यहूदियों से वादा किया कि वह उनके रास्ते में आनेवाली हर रुकावट दूर कर देगा। यशायाह ने लिखा था, “यहोवा का रास्ता तैयार करो, हमारे परमेश्‍वर के लिए रेगिस्तान से जानेवाला राजमार्ग सीधा करो। . . . ऊँचे-नीचे रास्ते सपाट किए जाएँ और ऊबड़-खाबड़ ज़मीन को मैदान बना दिया जाए।” (यशा. 40:3, 4) ज़रा कल्पना कीजिए, रेगिस्तान के बीचों-बीच एक राजमार्ग या हाईवे निकल रहा है। वह एकदम सपाट है, कहीं से भी ऊँचा-नीचा नहीं है। इस पर सफर करनेवालों को पहाड़-पहाड़ियों या घाटियों में चढ़ना-उतरना नहीं पड़ेगा और ना ही घूम-घूमकर जाना पड़ेगा, बल्कि वे सीधे चलते जा सकते हैं। वे इस पर आराम से सफर कर पाएँगे और अपनी मंज़िल तक बहुत जल्दी पहुँच पाएँगे।

5. बैबिलोन खां इसराएल ताईं वञण वारे राजमार्ग खे छा नालो ॾिनो वयो?

5 आज ज़्यादातर हाईवे या राजमार्गों का कोई नाम होता है या उन्हें एक नंबर दिया जाता है। यशायाह ने जिस राजमार्ग के बारे में बताया, उसका भी एक नाम है। बाइबल में लिखा है, “एक राजमार्ग तैयार किया जाएगा, हाँ, ऐसा मार्ग जो पवित्र मार्ग कहलाएगा। कोई अशुद्ध इंसान उस पर नहीं चलेगा।” (यशा. 35:8) परमेश्‍वर ने यहूदियों से जो वादा किया था, वह उनके लिए क्या मायने रखता था? और यह आज हमारे लिए क्या मायने रखता है?

‘पवित्र मार्ग’—पहिरियों ऐं अॼु

6. राजमार्ग खे पवित्र छो चयो वयो आहे?

6 “पवित्र मार्ग”—क्या ही बढ़िया नाम है इस राजमार्ग का! लेकिन इसे पवित्र क्यों कहा गया है? वह इसलिए कि जब इसराएल देश दोबारा बसाया जाता, तो वहाँ किसी भी अशुद्ध इंसान के लिए कोई जगह नहीं होती। इसका मतलब, अगर कोई व्यक्‍ति अनैतिक काम करना, मूर्तिपूजा करना या दूसरे बड़े-बड़े पाप करना नहीं छोड़ता, तो उसे वहाँ रहने का मौका नहीं मिलता। जो यहूदी अपने देश वापस जा रहे थे, उन्हें परमेश्‍वर के लिए एक “पवित्र राष्ट्र” बनना था। (व्यव. 7:6) लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि जो लोग बैबिलोन से लौटते, उन्हें यहोवा को खुश करने के लिए और कोई बदलाव नहीं करने थे।

7. यहूदियुनि खे कहिड़ा बदलाव करणा हुआ? हिक उदाहरण ॾियो.

7 जैसा हमने देखा, बैबिलोन में रहनेवाले ज़्यादातर यहूदी वहीं पैदा हुए थे और ऐसा लगता है कि उनमें से कई यहूदी बैबिलोन के लोगों की तरह ही सोचने लगे थे और उन्होंने उनके तौर-तरीके अपना लिए थे। जब शुरू-शुरू में यहूदी इसराएल लौटे थे, उसके कई सालों बाद एज्रा को पता चला कि कुछ यहूदियों ने झूठे देवी-देवताओं की पूजा करनेवाली औरतों से शादी कर ली है। (निर्ग. 34:15, 16; एज्रा 9:1, 2) बाद में जब राज्यपाल नहेमायाह आया, तो उसे यह जानकर बहुत दुख हुआ कि इसराएल में जो बच्चे पैदा हुए थे, उन्हें यहूदियों की भाषा तक नहीं आती थी। (व्यव. 6:6, 7; नहे. 13:23, 24) परमेश्‍वर के वचन का ज़्यादातर हिस्सा इब्रानी में लिखा गया था, पर ये बच्चे तो इब्रानी भाषा समझते ही नहीं थे। तो फिर वे यहोवा से प्यार कैसे कर पाते? उसकी उपासना करने के बारे में कैसे जान पाते? (एज्रा 10:3, 44) इन उदाहरणों से साफ पता चलता है कि जो यहूदी इसराएल लौटे थे, उन्हें कितने बड़े-बड़े बदलाव करने थे। और इसराएल में रहकर ये बदलाव करना उनके लिए ज़्यादा आसान था, जहाँ धीरे-धीरे दोबारा यहोवा की शुद्ध उपासना होने लगी थी।​—नहे. 8:8, 9.

सन्‌ 1919 से लाखों आदमी, औरत और बच्चे महानगरी बैबिलोन को छोड़कर “पवित्र मार्ग” पर चलने लगे हैं (पैराग्राफ 8)

8. पुराणी घटियल घटनाउनि ते अॼु असां खे ध्यान छो ॾियण घुरिजे? (ॿाहिर ॾिनल तसवीर ॾिसो.)

8 कुछ लोग शायद कहें, ‘यह सब है तो बड़ा दिलचस्प, पर इसका आज हमसे क्या लेना-देना?’ इसका हमसे लेना-देना है, क्योंकि हम सब एक तरह से “पवित्र मार्ग” पर चल रहे हैं। चाहे हम अभिषिक्‍त मसीही हों या ‘दूसरी भेड़’ के लोग, हम सबको इस “पवित्र मार्ग” पर चलते रहना है। इस पर चलने से आज हम यहोवा की उपासना कर पाते हैं और भविष्य में जब परमेश्‍वर का राज धरती पर शुरू होगा, तो हम सबको और भी आशीषें मिलेंगी। b (यूह. 10:16) सन्‌ 1919 से लाखों आदमी, औरत और बच्चे महानगरी बैबिलोन, यानी पूरी दुनिया में साम्राज्य की तरह फैले झूठे धर्मों को छोड़कर इस मार्ग पर चलने लगे हैं। शायद आप भी उनमें से एक हों। वैसे तो यह मार्ग करीब 100 साल पहले ही खुला, पर इसे तैयार करने का काम सदियों पहले ही शुरू हो गया था।

रस्तो तैयार कयो वयो

9. यशायाह 57:14 जे मुताबिक पवित्र मार्ग खे कीअं तैयार कयो वयो?

9 यहोवा ने इस बात का ध्यान रखा कि जो यहूदी बैबिलोन छोड़ रहे थे, उनके रास्ते से हर रुकावट दूर कर दी जाए। (यशायाह 57:14 पढ़िए।) आज यहोवा ने “पवित्र मार्ग” से कैसे हर रुकावट दूर की है? सन्‌ 1919 से सदियों पहले कई ऐसे आदमी रहे जो परमेश्‍वर का बहुत आदर करते थे और उससे प्यार करते थे। यहोवा ने उनके ज़रिए महानगरी बैबिलोन से निकलने का रास्ता तैयार किया। (यशायाह 40:3 से तुलना करें।) उन्होंने यह मार्ग तैयार करने के लिए जो कड़ी मेहनत की, उसी वजह से आगे चलकर नेकदिल लोग महानगरी बैबिलोन को छोड़ पाए और यहोवा के लोगों के साथ मिलकर शुद्ध उपासना कर पाए। यह रास्ता तैयार करने के लिए बहुत कुछ किया गया। आइए कुछ कामों पर गौर करें।

सदियों से परमेश्‍वर का आदर करनेवाले लोग महानगरी बैबिलोन से बाहर निकलने का रास्ता तैयार कर रहे थे (पैराग्राफ 10-11)

10-11. छपाई ऐं अनुवाद जे करे कीअं वधीक माण्हू बाइबल जे सचाइयुनि खे ॼाणे सघिया? (तसवीर बि ॾिसो.)

10 बाइबल की छपाई। करीब 1450 तक हाथ से बाइबल के नकलें तैयार की जाती थीं। इसमें बहुत वक्‍त लगता था, इसलिए बाइबल की ज़्यादा नकलें नहीं थीं और जो थीं वे बहुत महँगी थीं। लेकिन जब छपाई की मशीनें आ गयीं, तो कम समय में ज़्यादा बाइबल छापी जाने लगीं और लोगों में बाँटी जाने लगीं।

11 बाइबल का अनुवाद। कई सदियों तक बाइबल खास तौर से लातिनी भाषा में थी, जिसे बहुत पढ़े-लिखे लोग ही समझ सकते थे। लेकिन जब छपाई करना आसान हो गया, तब बाइबल का और भी भाषाओं में अनुवाद होने लगा। परमेश्‍वर का आदर करनेवाले कुछ लोगों ने उन भाषाओं में अनुवाद करने के लिए कड़ी मेहनत की जो आम लोग बोलते थे। अब लोग खुद बाइबल पढ़ सकते थे और देख सकते थे कि उन्हें चर्च में जो सिखाया जा रहा है, वह बाइबल के हिसाब से सही है या नहीं।

परमेश्‍वर का आदर करनेवाले लोग महानगरी बैबिलोन से बाहर निकलने का रास्ता तैयार करने लगे (पैराग्राफ 12-14) c

12-13. बाइबल जो अध्ययन करण वारा कुछ माण्हू कीअं 1835 खां चर्च जी शिक्षाउनि जो परदाफाश करण लॻा? हिक उदाहरण ॾियो.

12 बाइबल का अध्ययन करने के लिए प्रकाशन। कुछ लोगों ने बाइबल का ध्यान से अध्ययन किया और इससे उन्हें बाइबल की बहुत-सी सच्चाइयाँ पता चलीं। वे जो भी सीखते थे, दूसरों को भी बताते थे। यह देखकर पादरियों को उन पर बहुत गुस्सा आता था। उदाहरण के लिए, करीब 1835 से कुछ नेकदिल लोग ऐसे पर्चे छापने लगे जिनमें चर्च में सिखायी जानेवाली झूठी बातों का परदाफाश किया गया था।

13 उनमें से एक था हेनरी ग्रू। वह परमेश्‍वर का बहुत आदर करता था और सन्‌ 1835 के आस-पास उसने एक परचा छापा, जिसमें बताया गया था कि मरने के बाद क्या होता है। उसमें उन्होंने बाइबल की आयतों से यह साबित करके बताया कि चर्च में अमर आत्मा की जो शिक्षा दी जाती है, वह गलत है। और कोई भी इंसान पैदाइशी अमर नहीं होता, अगर परमेश्‍वर किसी को अमर जीवन का वरदान दे, तभी वह हमेशा अमर रह पाएगा। फिर 1837 में जॉर्ज स्टॉर्ज़ नाम के एक पादरी जब ट्रेन से सफर कर रहे थे, तो उन्हें वह परचा मिला। वह परचा पढ़कर उन्हें यकीन हो गया कि उन्हें एक अहम सच्चाई का पता लग गया है। उन्होंने सोचा कि यह सच्चाई वे दूसरों को भी बताएँगे। इसलिए 1842 में उन्होंने एक दिलचस्प विषय पर एक-के-बाद-एक कई भाषण दिए। वह विषय था, “क्या दुष्ट लोग वाकई अमर हैं?—इस पर छानबीन।” जॉर्ज स्टॉर्ज़ ने जो बातें लिखी थीं, उनका एक नौजवान पर गहरा असर हुआ। उस नौजवान का नाम था, चार्ल्स टेज़ रसल।

14. पवित्र मार्ग तैयार करण में जेका मेहनत कई वई, उन मां भाउ रसल ऐं उन जे साथियुनि खे कीअं फायदो थियो? (तसवीर बि ॾिसो.)

14 “पवित्र मार्ग” तैयार करने के लिए पहले जो मेहनत की गयी थी, उससे भाई रसल और उनके साथियों को कैसे फायदा हुआ? जब वे अध्ययन करते थे, तो बाइबल के अलग-अलग अनुवादों, शब्दकोशों (डिक्शनरी) और शब्द-सूचियों में खोजबीन करते थे, जो उनके समय से पहले तैयार की गयी थीं। इसके अलावा, हेनरी ग्रू, जॉर्ज स्टॉर्ज़ और दूसरे लोगों को खोजबीन करके बाइबल की जो सच्चाइयाँ पता चली थीं, उनसे भी उन्हें बहुत फायदा हुआ। भाई रसल और उनके साथियों ने खुद भी बहुत-सी किताबें और परचे छापे, जिनमें बाइबल के अलग-अलग विषयों के बारे में बताया गया था। इस तरह उन्होंने पवित्र मार्ग तैयार करने में हाथ बँटाया।

15. सन्‌ 1919 में छा-छा थियो?

15 सन्‌ 1919 में परमेश्‍वर के लोग महानगरी बैबिलोन की कैद से आज़ाद हो गए। और उसी साल “विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास” को ठहराया गया। यह एकदम सही समय था। “पवित्र मार्ग” बस अभी-अभी खुला था! अब इस दास ने अपना काम शुरू कर दिया और इस पवित्र मार्ग पर चलने के लिए नेकदिल लोगों का स्वागत करने लगा। (मत्ती 24:45-47) बीते समय में वफादार लोगों ने “पवित्र मार्ग” तैयार करने में जो मेहनत की, उसकी वजह से इस मार्ग पर चलनेवाले नए लोग यहोवा और उसके मकसद के बारे में और भी सीख सकते थे। (नीति. 4:18) वे यहोवा के स्तरों के मुताबिक अपनी ज़िंदगी में भी बदलाव कर सकते थे। लेकिन यहोवा यह उम्मीद नहीं करता कि उसके लोग रातों-रात सारे बदलाव कर लें। वह जानता है कि इसमें वक्‍त लगता है, इसलिए वह धीरे-धीरे उनकी सोच सुधारता है। (“ यहोवा धीरे-धीरे अपने लोगों की सोच सुधारता है” नाम का बक्स देखें।) ज़रा सोचिए वह कितना अच्छा वक्‍त होगा जब हम सब अपने हर काम से यहोवा का दिल खुश कर पाएँगे!​—कुलु. 1:10.

‘पवित्र मार्ग’ हाणे बि खुलियल आहे

16. सन्‌ 1919 खां ‘पवित्र मार्ग’ ते कहिड़ा कम शुरू थिया? (यशायाह 48:17; 60:17)

16 सड़कों की लगातार मरम्मत करना भी ज़रूरी होता है। उसी तरह सन्‌ 1919 से “पवित्र मार्ग” पर लगातार काम हो रहा है, ताकि और भी नेकदिल लोग महानगरी बैबिलोन को छोड़कर इस पर चल सकें। जैसे ही विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास को ठहराया गया, वह काम में लग गया। और 1921 में उन्होंने एक किताब तैयार की जिसका अध्ययन करके लोग बाइबल की सच्चाइयाँ जान सकते थे। उस किताब का नाम था, परमेश्‍वर का सुरमंडल।  बाद में इस किताब का 36 भाषाओं में अनुवाद किया गया और इसकी करीब 60 लाख कॉपियाँ छापी गयीं। इससे बहुत-से लोगों ने बाइबल की सच्चाइयाँ जानीं। और हाल ही में बाइबल का अध्ययन कराने के लिए हमें एक और बढ़िया प्रकाशन दिया गया, खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!  इन आखिरी दिनों में यहोवा ने हमेशा इस बात का ध्यान रखा है कि “पवित्र मार्ग” पर काम होता रहे। वह अपने संगठन के ज़रिए लगातार हमें अपने वचन से हिदायतें दे रहा है, ताकि हम सब इस मार्ग पर चलते रहें।​—यशायाह 48:17; 60:17 पढ़िए।

17-18. ‘पवित्र मार्ग’ असां खे कहिड़ी मंज़िल ते पहुचाईंदो?

17 जब एक व्यक्‍ति बाइबल अध्ययन करने लगता है, तो कहा जा सकता है कि वह “पवित्र मार्ग” पर चलने लगा है। कुछ लोग थोड़ी दूर तक इस पर चलते हैं और फिर इसे छोड़ देते हैं। वहीं कुछ लोगों ने ठान लिया है कि जब तक वे अपनी मंज़िल तक नहीं पहुँच जाते, वे इस पर चलते रहेंगे। आखिर वह मंज़िल क्या है?

18 जिन लोगों को स्वर्ग में जीने की आशा है, उन्हें यह “पवित्र मार्ग” स्वर्ग में “परमेश्‍वर के फिरदौस” में ले जाएगा। (प्रका. 2:7) लेकिन जिन लोगों की आशा धरती पर जीने की है, उन्हें यह राजमार्ग मसीह के 1,000 साल के आखिर तक ले जाएगा जब सब लोग परिपूर्ण हो जाएँगे। अगर आज आप इस राजमार्ग पर चल रहे हैं, तो पीछे मुड़कर मत देखिए। जब तक आपकी यात्रा पूरी ना हो जाए और आप नयी दुनिया में ना पहुँच जाएँ, तब तक इस पर चलते रहिए। हमारी दुआ है कि “आपकी यात्रा सुखद हो।”

गीत 24 यहोवा की इबादत करें!

a बाइबल में बैबिलोन से इसराएल तक जानेवाले एक राजमार्ग के बारे में बताया गया है, जिसे यहोवा ने “पवित्र मार्ग” कहा। क्या यहोवा ने आज भी अपने लोगों के लिए कोई राजमार्ग तैयार किया है? जी हाँ। सन्‌ 1919 से लाखों लोग महानगरी बैबिलोन को छोड़कर इस “पवित्र मार्ग” पर चलने लगे हैं। जब तक हमारी मंज़िल नहीं आ जाती, तब तक हम सबको इस पर चलते रहना चाहिए।

c तसवीर के बारे में: भाई रसल और उनके साथियों ने बाइबल अध्ययन के लिए वे प्रकाशन इस्तेमाल किए, जो उनके समय से पहले तैयार किए गए थे।